आलू की पत्तियों पर नमी और ठंड का बुरा असर.. पाला से आलू चौपट होने का खतरा, जान लें फसल बचाने के उपाय

Potato Farming Tips: आलू की पत्तियों पर नमी और ठंड का प्रभाव अधिक होता है. पत्तियां सिकुड़ने लगती हैं और झुलसा रोग तेजी से फैलता है. फसल पूरी तरह नष्ट होने पर किसानों को बड़े आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. लेकिन कुछ आसान उपाय करके आलू की फसल को ठंड के प्रभाव से बचाया जा सकता है.

किसान इंडिया डेस्क
नोएडा | Published: 21 Dec, 2025 | 05:57 PM
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उत्तर भारत में लगातार गिरते तापमान और बढ़ते कोहरे ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इसका सीधा असर मानव जीवन के साथ-साथ साग सब्जियों, विशेषकर आलू की फसल पर देखने को मिल रहा है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले कुछ दिनों में शीतलहर का प्रभाव और तेज होने वाला है, जिससे फसलों पर ठंड का कहर बुरा असर डालेगा. ऐसे में फसलों को ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए किसानों को कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. आलू की फसल को ठंड से बचाने के लिए किसान कुछ आसान लेकिन कम खर्चीला उपाय अपना सकते है.

किन फसलों पर ठंड का प्रभाव अधिक

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बढ़ती ठंड और कोहरा रबी सीजन की फसलों पर असर डालते हैं. सीजन की फसले जैसे गेहूं, चना और सरसों पर इसका प्रभाव कम रहता है, लेकिन आलू की पत्तियों पर नमी और ठंड का प्रभाव अधिक होता है. पत्तियां सिकुड़ने लगती हैं और झुलसा रोग तेजी से फैलता है, जिससे उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है. कई बार फसल पूरी तरह नष्ट होने पर किसानों को बड़े आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. लेकिन कुछ आसान उपाय करके आलू की फसल को ठंड और कोहरे के प्रभाव से बचाया जा सकता है.

कोहरे और ठंड से कैसे बचाएं आलू फसल

गेहूं, चना और सरसों जैसी रबी फसलों पर पाले का प्रभाव कम होता है, लेकिन आलू की फसल पर अधिक प्रभाव पड़ता है. जिन किसानों ने कुफरी पुखराज, कुफरी चिप्सोना-1, कुफरी ज्योति, कुफरी आनंद, कुफरी लालिमा या कुफरी बहार जैसी उन्नत किस्में लगाई हैं, तो उनकी फसलें आमतौर पर कोहरे के प्रभाव को बेहतर ढंग से सहन कर लेती हैं. लेकिन अन्य किस्मों के लिए कोहरा शुरू होने से पहले ही रोगनाशक छिड़काव अवश्य करना चाहिए.

मैंकोजेब पाउडर का करें छिड़काव

आलू फसल में किसान 2 ग्राम मैनकोजेब पाउडर को प्रति लीटर पानी में घोलकर पौधे के प्रत्येक हिस्से पर समान रूप से स्प्रे करना जरूरी है. यह छिड़काव 15–15 दिन के अंतराल पर दोहराने से झुलसा रोग से फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है. इसके अलावा अत्यधिक कोहरे की स्थिति में 0.1 प्रतिशत थायोयूरिया या पोटाश (1 प्रतिशत पोटेशियम नाइट्रेट) का छिड़काव करने से पौधों की सहनशीलता बढ़ती है.

पाला और शीतलहर से फसल को बचाएंगे ये उपाय

आलू की फसल को ठंड और कोहरे से बचाने के लिए खेत में हल्की-हल्की सिंचाई करते रहना चाहिए क्योंकि नमी रहने से पाले का प्रभाव कम होता है. रात में पाला पड़ने की संभावना हो तो सुबह जल्दी हल्की सिंचाई करना लाभदायक रहता है. फसल पर सूखी घास, पुआल या फसल अवशेषों की हल्की मल्चिंग करने से ठंड से सुरक्षा मिलती है. खेत के किनारों पर धुआं करने से भी पाले और कोहरे का असर कम किया जा सकता है तथा नाइट्रोजन की अधिक मात्रा से बचना चाहिए, जिससे फसल ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील न हो.

इस प्रकार थोड़ी-सी सावधानी और समय पर किये गये उपचार से किसानों की मेहनत और उत्पादन दोनों को बचाया जा सकता है.

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