खेती-किसानी के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों के नतीजों में खेती की उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है. प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देकर मिट्टी की सेहत को बनाए रखने में मदद मिल रही है. अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान पिछली बार से 10 फीसदी बढ़ गया है. मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री ने कहा कि प्रति व्यक्ति खाद्यान्न उपलब्धता बढ़कर 459 किलो प्रतिवर्ष हो गई है. जबकि, किसानों की आमदनी में भी बड़ा सुधार आया है. कृषि मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश मक्का और सोयाबीन उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर रहा है.
देश में प्रति व्यक्ति खाद्यान्न उपलब्धता बढ़कर 459 किलो प्रतिवर्ष हुई
मध्य प्रदेश सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कसाना ने अपने विभाग का रिपोर्ट कार्ड जारी किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कृषि क्षेत्र ने ऐतिहासिक प्रगति दर्ज की है. आजादी के बाद देश में प्रति व्यक्ति खाद्यान्न उपलब्धता बढ़कर 459 किलो प्रतिवर्ष हो गई है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश मक्का और सोयाबीन उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर रहा है. जबकि, दलहन एवं तिलहन उत्पादन में दूसर स्थान पर रहा है.
राज्य का कृषि बजट बढ़ने से खेती योजनाएं तेजी से लागू हुईं
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों का योगदान 2011-12 में 33.85 फीसदी था, जो अब बढ़कर 44.36 फीसदी हो गया है. वर्ष 2024-25 में प्रदेश की कृषि विकास दर 12 फीसदी रही, जबकि कृषि बजट बढ़कर 27 हजार 50 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इससे खेती से जुड़ी योजनाओं और कार्यों को तेजी से लागू करने में मदद मिली है.
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किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कसाना ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आर्थिक मदद को हमेशा तैयार है.
27 लाख किसानों को 1860 करोड़ रुपये राहत राशि दी गई
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कसाना ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आर्थिक मदद को हमेशा तैयार है. खेती के लिए यंत्रों पर, बागवानी फसलों के लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है. जबकि, सिंचाई के लिए और बैलों से खेती के लिए भी योजना चलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित 29 जिलों के 27 लाख से अधिक किसानों को 1860 करोड़ रुपये से अधिक की राहत राशि वितरित की गई है.
केमकिल खाद की जगह प्राकृतिक खेती करें किसान
कृषि मंत्री कंषाना ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्राकृतिक एवं जैविक खेती किसानों के साथ-साथ आमजन के स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे रासायनिक खादों के स्थान पर प्राकृतिक खेती को अधिक से अधिक अपनाएं, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहे और सुरक्षित, पौष्टिक खाद्यान्न का उत्पादन हो सके.