हरियाणा के पलवल में पराली जलाने को लेकर सख्त कार्रवाई, 2 FIR दर्ज.. किसानों ने खुद दी जानकारी

हरियाणा के पलवल में इस साल पराली जलाने के सिर्फ दो मामले दर्ज हुए हैं, जबकि पिछले साल 23 थे. कृषि विभाग के अनुसार, जागरूकता अभियान और सख्त निगरानी से स्थिति सुधरी है. किसानों को पराली न जलाने पर 1,200 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन और सुपर सीडर जैसी मशीनों पर सब्सिडी दी जा रही है.

Kisan India
नोएडा | Published: 25 Oct, 2025 | 05:00 PM

Haryana News: हरियाणा के पलवल जिले में इस हफ्ते दो किसानों पर खेतों में पराली जलाने का मामला दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल की तुलना में ऐसे मामलों में इस बार बड़ी कमी आई है. ये घटनाएं जनौली और कितवारी गांव में हुईं. एक एफआईआर रविवार को चांधुत थाने में और दूसरी सोमवार को गदपुरी थाने में दर्ज की गई. दिलचस्प बात यह है कि दोनों मामलों की जानकारी दूसरे किसानों ने ही प्रशासन को दी.

पलवल के कृषि उपनिदेशक बाबूलाल ने कहा कि टीमों ने मौके पर जाकर जांच की और पराली जलाने के सबूत मिले, जिसके बाद दोनों किसानों पर मामला दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि इस साल अब तक सिर्फ दो एफआईआर दर्ज हुई हैं, जबकि कटाई का सीजन लगभग खत्म होने वाला है. यह पिछले साल के मुकाबले बेहतर स्थिति है. उन्होंने कहा कि जिले में पराली जलाने  पर निगरानी और जागरूकता के लिए 324 नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं. कृषि विभाग के अनुसार, पिछले साल पालवल में ऐसे 23 मामले दर्ज हुए थे और हर मामले में अलग-अलग किसानों पर एफआईआर हुई थी.

70 फीसदी धान की कटाई पूरी हो गई

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस साल पलवल में लगभग 70 फीसदी धान की कटाई  पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक सिर्फ दो ही पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं.  उन्होंने कहा कि जिले में इस बार बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए गए थे, जिनमें किसानों को पराली जलाने के नुकसान और सुपर सीडर व बेलर जैसी मशीनों पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी के बारे में जानकारी दी गई. ये मशीनें फसल के अवशेष को बिना जलाए संभालने में मदद करती हैं.

पालवल में स्थिति में काफी सुधार हुआ

कृषि उपनिदेशक बाबूलाल ने कहा कि जागरूकता अभियान और सख्त निगरानी के कारण पालवल में स्थिति में काफी सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि किसानों को यह भी बताया गया है कि अगर वे पराली जलाने के बजाय उसे सही तरीके से निपटाते हैं, तो वे सरकारी पोर्टल  पर उसकी जानकारी भरकर 1,200 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकते हैं. बशर्ते उनकी जानकारी का सही सत्यापन हो जाए.

अब तक पूरे राज्य में 561 मामले दर्ज हुए

वहीं, चुनाव से पहले तरनतारन जिला पंजाब में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामलों की वजह से चर्चा में है. राज्य में आज कुल 49 पराली जलाने के मामलों में से 16 तरनतारन से सामने आए हैं. अब तक पूरे राज्य में 561 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से 175 यानी लगभग 31 फीसदी सिर्फ तरनतारन से हैं. इसके बाद अमृतसर में 135 और फिरोजपुर में 66 मामले दर्ज हुए हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) ने अब तक 246 मामलों में कुल 13.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसमें से 8.95 लाख रुपये की वसूली हो चुकी है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?