Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृतेव में सरकार लगातार किसानों के विकास और प्रदेश के कृषि क्षेत्र के विस्तार के लिए काम कर रही है. इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने किसानों को फार्मर आईडी के माध्यम से किसानों को डिजिटल पहचान देने का काम तेज कर दिया है. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश का कोई भी किसान सरकारी योजना से वंचित न रह जाए. बता दें कि, अभी कर सीएम योगाी के नेतृत्व में प्रदेशभर के 50 फीसदी से ज्यादा किसानों का फार्मर रजिस्ट्री का काम पूरा हो चुका है, जो कि प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
16 अक्टूबर से हर जिले में लगेंगे शिविर
प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा किसानों की फार्मर रजिस्ट्री (Farmer Registration) कराने के लिए सीएम योगी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि पीएम किसान पोर्टल पर किसानों की सारी जानकारी अपडेट करने के लिए अभियान चलाया जाए. इसके लिए 16 अक्टूबर से 30 नवंबर तक हर दिन खास तौर पर शिविर लगाए जाएंगे. सीएम योगी ने साफ तौर पर कहा है कि प्रदेश के हर गांव में कम से कम एक शिविर लगाना जरूरी है, जहां किसानों को फार्मर रजिस्ट्री के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े बल्कि मौके पर ही रजिस्ट्रेशन और खुद की डीटेल्स अपडेट कराने की सुविधा मिल सके.
50 फीसदी से ज्यादा किसानों के हुए रजिस्ट्रेशन
उत्तर प्रदेश में अबतक सभी जिलों में 50 फीसदी से ज्यादा किसानों के फार्मर आईडी (Farmer ID) का काम पूरा हो चुका है. वहीं केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि 1 अप्रैल 2026 से पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त उन्हीं किसानों को मिलेगी जिन्होंने पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया होगा. ऐसे में योगी सरकार जल्द से जल्द प्रदेश भर के किसानों का रजिस्ट्रेशन कराने पर जोर दे रही है.बता दें कि, प्रदेश में सबसे ज्यादा 61.37 फीसदी फार्मर रजिस्ट्रेशन रामपुर जिले में हुए हैं. इसके बाद 58. 92 फीसदी बिजनौर, 58. 31 फीसदी हरदोई, 58.01 फीसदी श्रावस्ती समेत कई अन्य जिलों में रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं.
किसानों से खास अपील
योगी सरकार लगातार प्रदेश के किसानों से अपील कर रही है कि वें जल्द से जल्द अपनी फार्मर आईडी बनवा लें. ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि जिन किसानों के पास फार्मर आईडी नहीं है उन किसानों को पीएम किसान, फसल बीमा समेत अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित किया जा सकता है. हालांकि सरकार ने आधिकारिक तौर पर अभी घोषणा नहीं की है. लेकिन, फार्मर आईडी बनाने का उद्देश्य किसानों का डाटा एक जगह जुटाना था, जिससे पारदर्शिता बेहतर की जा सके. लेकिन, किसानों के दिलचस्पी नहीं लेने से यह अभियान 100 फीसदी सफल नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में किसानों के खेती-बाड़ी से जुड़े कई काम अटक भी सकते हैं. बता दें कि, किसान पंजीकरण न केवल पीएम किसान सम्मान निधि के लिए जरूरी है, बल्कि भविष्य में मिलने वाली अन्य सरकारी योजनाओं में भी किसानों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा.