Poultry Farming : आज के समय में जब हर कोई स्थायी और मुनाफेदार बिजनेस की तलाश में है, तो पोल्ट्री फार्मिंग उन गिने-चुने व्यवसायों में से एक है जो कभी डाउन नहीं होता. खाने की थाली से लेकर होटल और बाजार तक-अंडे और चिकन की डिमांड हर मौसम, हर इलाके में रहती है. यही वजह है कि कम पूंजी लगाकर भी यह बिजनेस लोगों को लाखों की कमाई करा रहा है. अगर सही प्लानिंग और थोड़ी समझदारी के साथ शुरुआत की जाए तो पहली ही बार में मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है.
कम इन्वेस्टमेंट में बड़ा मुनाफा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर आप छोटा लेकिन स्थायी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो पोल्ट्री फार्मिंग एक शानदार विकल्प है. इसमें शुरुआती निवेश कम होता है और मुनाफा काफी अच्छा मिलता है. शुरुआती स्तर पर कोई भी व्यक्ति 500 से 1000 ब्रॉयलर मुर्गियों से काम शुरू कर सकता है. इसके लिए करीब 70 हजार से 1 लाख रुपये तक की लागत आती है. इस रकम में चूजे, दाना, दवा, पानी और बिजली जैसे सभी खर्च शामिल होते हैं. एक बैच लगभग 45 दिनों में तैयार हो जाता है, और बिक्री के बाद 25 से 35 प्रतिशत तक का मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है. अगर फार्म अच्छी तरह चलता है तो यह बिजनेस धीरे-धीरे लाखों रुपये की कमाई देने लगता है.
सही जगह का चुनाव बहुत जरूरी
पोल्ट्री फार्म के लिए जगह का चयन सबसे महत्वपूर्ण कदम है. फार्म ऐसी जगह होना चाहिए जहां हवा का आवागमन और रोशनी पर्याप्त हो. साफ-सफाई की सुविधा भी जरूरी है, क्योंकि बदबू और गंदगी से मुर्गियों की सेहत पर असर पड़ सकता है. अगर आपके पास खुद की जमीन है, तो किराये का खर्च बचेगा और निवेश भी कम लगेगा. फार्म शहर या गांव के बाहरी इलाके में होना बेहतर रहता है ताकि आसपास के लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो. सही लोकेशन आपके बिजनेस की सफलता तय कर सकती है.
मुर्गियों की नस्ल का सही चुनाव करें
कम लागत में ज्यादा प्रॉफिट पाने के लिए सही नस्ल चुनना बेहद जरूरी है. पोल्ट्री फार्मिंग में दो प्रमुख नस्लें होती हैं-
- ब्रॉयलर मुर्गियां : मांस उत्पादन के लिए
- लेयर मुर्गियां : अंडा उत्पादन के लिए
अगर आप मांस के लिए बिजनेस शुरू कर रहे हैं तो ब्रॉयलर मुर्गियां रखें. ये तेजी से बढ़ती हैं और 40 से 45 दिन में बाजार के लायक हो जाती हैं. वहीं लेयर मुर्गियां अंडे के उत्पादन में बेहतर होती हैं, जिनसे सालभर कमाई होती रहती है. इस तरह आपकी आय लगातार बनी रहती है.
सेहत का रखें पूरा ध्यान
पोल्ट्री बिजनेस में मुनाफा मुर्गियों की सेहत पर निर्भर करता है. उन्हें संतुलित आहार, स्वच्छ पानी और उचित तापमान देना बेहद जरूरी है. फार्म की नियमित सफाई और टीकाकरण से बीमारियों की संभावना कम हो जाती है. अगर कोई मुर्गी बीमार हो जाए, तो उसे तुरंत अलग करना चाहिए ताकि संक्रमण न फैले. मुर्गियों के खाने में प्रोटीन और मिनरल्स शामिल करें, जिससे उनकी ग्रोथ तेजी से हो. सर्दी या बरसात के मौसम में तापमान का खास ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि मौसम बदलने पर मुर्गियां जल्दी बीमार पड़ती हैं.
सरकार की मदद से बढ़ेगा बिजनेस
पोल्ट्री फार्मिंग में सरकार भी किसानों और युवाओं की मदद कर रही है. कई राज्यों में सब्सिडी और लोन की सुविधा दी जा रही है ताकि छोटे स्तर पर भी लोग इस व्यवसाय को शुरू कर सकें. आप अपने इलाके के पशुपालन विभाग या नाबार्ड (NABARD) से संपर्क कर सकते हैं. वे शुरुआती निवेश में मदद करने के साथ-साथ प्रशिक्षण और तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध कराते हैं. अगर आप सही दिशा में मेहनत करें और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं, तो यह बिजनेस कुछ ही महीनों में आत्मनिर्भरता की मिसाल बन सकता है.
 
 
                                                             
                             
                             
                             
                             
 
 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                    