गांव में शुरू करें छोटा पोल्ट्री फार्म, इन 3 पक्षियों के पालन से तेज बढ़ेगी आपकी कमाई

पोल्ट्री फार्मिंग आज किसानों और युवाओं के लिए आय का बड़ा साधन बनकर उभरी है. कम लागत और आसानी से देखभाल के साथ कम समय में ज्यादा मुनाफा देने के चलते यह व्यवसाय खेती के साथ-साथ स्थायी रोजगार का जरिया भी बन रहा है.

Kisan India
नोएडा | Published: 26 Oct, 2025 | 11:30 AM

अगर आप गांव में रहते हैं और खेती के साथ कोई ऐसा काम करना चाहते हैं, जिसमें मेहनत भी कम हो और मुनाफा ज्यादा तो पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming) आपके लिए एकदम सही विकल्प है. आज देशभर में हजारों किसान खेती के साथ-साथ मुर्गी, बत्तख और बटेर पालन कर रहे हैं और हर महीने हजारों-लाखों रुपये तक की कमाई कर रहे हैं.

पोल्ट्री फार्मिंग की खास बात यह है कि इसे छोटे स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है और यदि मेहनत और देखभाल सही हो तो कुछ ही महीनों में आपकी आमदनी लागत की तुलना में दोगुनी हो सकती है. आइए जानते हैं तीन ऐसे पक्षियों के बारे में जिनका पालन कम लागत में आपकी अच्छी कमाई करा सकते हैं.

मुर्गी पालन: सबसे लोकप्रिय और आसान विकल्प

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुर्गी पालन  पोल्ट्री फार्मिंग का सबसे आम और सफल तरीका माना जाता है. इसकी शुरुआत करने के लिए ज्यादा पूंजी की जरूरत नहीं होती. सबसे पहले आपको साफ-सुथरी और हवादार जगह की आवश्यकता होगी, जहां मुर्गियों को रहने और अंडे देने की सुविधा मिल सके. मुर्गियों को प्रोटीन और विटामिन से भरपूर आहार देना जरूरी है. अनाज, दाने, मक्का, फल और हरी सब्जियां इनके लिए बेहतर भोजन हैं. थोड़े ही दिनों में ये अंडे देने लगती हैं और बाजार में अंडों की हमेशा अच्छी मांग रहती है. एक दर्जन अंडे भी अगर रोजाना बिकते हैं तो शुरुआती महीनों में ही लागत निकल जाती है.

बत्तख पालन: कम मेहनत, ज्यादा मुनाफा

अगर आपके पास पानी का स्रोत या तालाब जैसी जगह है तो बत्तख पालन (Duck Farming) एक शानदार विकल्प है. बत्तखें पानी में रहना पसंद करती हैं, इसलिए आपको इनके लिए वाटर टैंक या पोखर बनवाना होगा. बत्तखों को खाने में गीला चारा, मछलियां, चोकर, चावल और कीड़े-मकोड़े पसंद होते हैं. एक स्वस्थ बत्तख साल में करीब 250 से 300 अंडे देती है. मुर्गियों के मुकाबले बत्तख के अंडे बाजार में ज्यादा दामों में बिकते हैं. यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में बत्तख पालन धीरे-धीरे एक लाभदायक बिजनेस बनता जा रहा है.

बटेर पालन: कम जगह में ज्यादा फायदा

जिनके पास सीमित जगह है, उनके लिए बटेर पालन (Quail Farming) बेहतरीन विकल्प है. बटेर छोटे आकार के पक्षी होते हैं और इनका पालन घर के एक छोटे कमरे या शेड में भी किया जा सकता है. बटेरों को फर्श पर लकड़ी का बुरादा या धान के छिलके बिछाकर रखा जाता है. इन्हें स्वीट कॉर्न, चावल और मिलेट्स खाना पसंद होता है. बटेर का मांस बाजार में खासकर सर्दियों में बहुत बिकता है क्योंकि यह स्वादिष्ट और प्रोटीन से भरपूर होता है. बटेर कुछ ही हफ्तों में अंडे देना शुरू कर देते हैं, जिससे शुरुआती निवेश जल्दी वापस आ जाता है.

पोल्ट्री फार्मिंग में जरूरी सावधानियां

  • शुरुआत में ज्यादा पक्षी न रखें, 10-15 से शुरुआत करें.
  • साफ-सफाई और वेंटिलेशन पर खास ध्यान दें.
  • समय-समय पर टीकाकरण करवाएं ताकि बीमारियां न फैलें.
  • बाजार की मांग समझकर अंडे या मांस की बिक्री की योजना बनाएं.
  • सोशल मीडिया, लोकल मंडियों और होटलों से संपर्क बनाकर बिक्री बढ़ाएं.

किसानों और युवाओं के लिए बेहतर रोजगार का साधन

आज के समय में जब ग्रामीण युवाओं  को रोजगार के अवसर कम मिलते हैं, पोल्ट्री फार्मिंग उनके लिए एक सुनहरा अवसर बन सकती है. इस व्यवसाय में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है. सरकार भी इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण और सब्सिडी योजनाएं  चला रही है. अगर आप खेती के साथ कोई साइड बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो पोल्ट्री फार्मिंग आपके लिए सही रास्ता हो सकता है. सही जानकारी, थोड़ी मेहनत और साफ-सफाई बनाए रखने से कुछ ही महीनों में आप अच्छा मुनाफा कमाने लगेंगे.

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