कम जगह, कम खर्च में ज्यादा अंडे और मुनाफा, बटेर पालन बना किसानों का नया सहारा

बटेर पालन किसानों के लिए कम लागत में ज्यादा मुनाफे वाला व्यवसाय बनता जा रहा है. यह पक्षी मुर्गी से ज्यादा अंडे देता है और इसका मांस भी महंगे दामों में बिकता है. देखभाल आसान है और बाजार में इसकी लगातार बढ़ती मांग है.

Kisan India
नोएडा | Published: 17 Sep, 2025 | 05:40 PM

पोल्ट्री फार्मिंग का तरीका अब तेजी से बदल रहा है. पहले किसान सिर्फ देसी या ब्रॉयलर मुर्गी पालन पर ध्यान देते थे, लेकिन अब एक नया और फायदेमंद विकल्प सामने आया है- जापानी विदेशी बटेर. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पक्षी न केवल मुर्गी से ज्यादा अंडे देता है, बल्कि इसका मांस भी देसी मुर्गे से कहीं ज्यादा महंगा बिकता है. यही वजह है कि यह पक्षी अब किसानों के लिए चलता-फिरता ATM बनता जा रहा है.

क्या है जापानी बटेर की खासियत?

जापानी बटेर, जिसे विदेशी बटेर के नाम से भी जाना जाता है, दिखने में छोटा लेकिन मुनाफे में बड़ा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जहां एक देशी मुर्गी साल भर में करीब 150 से 200 अंडे देती है, वहीं यह विदेशी बटेर सालाना 300 से 350 अंडे देने में सक्षम है. यही नहीं, इसके अंडे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और बाजार में इनकी डिमांड लगातार बनी रहती है. इसके अलावा, इस पक्षी का मांस न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि इसमें मौजूद औषधीय गुणों के कारण इसकी मांग बड़े शहरों के होटलों और रेस्टोरेंट में तेजी से बढ़ रही है. यही कारण है कि इसका रेट देसी मुर्गे से ज्यादा मिलता है.

पोल्ट्री फार्मिंग में नया ट्रेंड

अब देहात से लेकर शहरों तक पोल्ट्री फार्मिंग में बटेर पक्षी को शामिल किया जा रहा है. इसकी देखभाल आसान है, खर्च कम आता है और मुनाफा ज्यादा होता है. यही वजह है कि बहुत से किसान अब देसी मुर्गी छोड़कर या उसके साथ-साथ बटेर पालन की ओर बढ़ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह व्यवसाय अब सिर्फ शौक नहीं, बल्कि एक फायदे वाला उद्यम बन चुका है.

पालन के लिए सही तरीका

अगर कोई किसान बटेर पालन  (Quail Farming) की शुरुआत करना चाहता है तो सबसे पहले उसे अच्छे नस्ल के चूजे लेने होंगे. इन्हें किसी भरोसेमंद स्रोत से लिया जाए तो बेहतर रहेगा. बटेर को रखने के लिए साफ-सुथरा और हवादार पिंजरा चाहिए होता है. इसके लिए किसी बड़े शेड या कमरे में छोटे-छोटे खांचे बनाकर इन्हें आरामदायक माहौल दिया जा सकता है. तापमान और नमी का खास ख्याल रखना जरूरी होता है ताकि पक्षी बीमार न हों.

पोषण और देखभाल

जापानी बटेर को अच्छी तरह से बढ़ाने और अंडे उत्पादन बढ़ाने के लिए संतुलित आहार देना जरूरी है. बाजार में खास पोल्ट्री फीड मिलती है जिसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स अच्छी मात्रा में होते हैं. साथ ही साफ पानी हमेशा उपलब्ध कराना चाहिए. स्वास्थ्य की दृष्टि से, समय-समय पर टीकाकरण कराना और पिंजरे की सफाई करते रहना जरूरी है. नीम के पानी से छिड़काव करने से कीड़े-मकोड़े और बीमारियों से बचाव होता है.

अंडे और मांस की बिक्री

बटेर के अंडे दिखने में छोटे हो सकते हैं, लेकिन इनकी कीमत और पोषण मुर्गी के अंडों से कहीं ज्यादा होता है. किसान इन्हें सीधे बाजार, दुकानदारों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए बेच सकते हैं. मांस की बात करें तो बटेर का मीट होटल और रेस्टोरेंट में खास डिमांड में होता है. इसे सही तरीके से काटकर और पैक करके बेचा जाए तो अच्छा पैसा कमाया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि कई जगहों पर बटेर मीट की कीमत 500 रुपये किलो तक भी मिलती है, जो देसी मुर्गे से कहीं अधिक है.

किसानों के लिए फायदे का सौदा

  • हर महीने कमाई:- बटेर से नियमित अंडे और समय-समय पर मांस की बिक्री से किसान को हर महीने आय हो सकती है.
  • कम खर्च, ज्यादा मुनाफा:- इसकी देखभाल मुर्गी की तुलना में आसान होती है. कम दाना, कम जगह और कम दवाइयों में काम चल जाता है.
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता:- यह पक्षी आम बीमारियों से कम प्रभावित होता है, जिससे मृत्यु दर भी कम रहती है और नुकसान का खतरा घट जाता है.

भविष्य में बढ़िया बिजनेस

लोगों में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की मांग को देखते हुए बटेर पालन का भविष्य उज्ज्वल माना जा रहा है. इसके अंडे और मांस दोनों को आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर माना जाता है. अगर किसान वैज्ञानिक तरीके से पालन करें और सही मार्केटिंग करें, तो यह एक ऐसा व्यवसाय बन सकता है जिससे वे हर महीने हजारों की नहीं, लाखों की आमदनी कर सकते हैं.

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Published: 17 Sep, 2025 | 05:40 PM

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