गर्मी का मौसम आते ही मछली पालकों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. तापमान बढ़ने से तालाब का पानी गर्म हो जाता है, जिससे मछलियों के लिए ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है. इसका सीधा असर मछलियों की सेहत पर पड़ता है और कई बार तो उनकी मौत भी हो जाती है. ऐसे में अगर आप भी मछली पालन कर रहे हैं तो इस मौसम में कुछ खास सावधानियां जरूरी हैं.
तालाब में करें पोटेशियम परमैग्नेट का छिड़काव
सबसे पहला और अहम उपाय है कि पोटेशियम परमैग्नेट का छिड़काव. यह एक रासायनिक पदार्थ है जो पानी में ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है. जब गर्मी में पानी का तापमान बहुत बढ़ जाता है तो ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. ऐसे समय में पोटेशियम परमैग्नेट का सही मात्रा में छिड़काव करने से यह कमी दूर होती है और मछलियां स्वस्थ बनी रहती हैं.
चूने से बढ़ती है पानी की क्वालिटी
दूसरा जरूरी उपाय है कि चूने का छिड़कावच. क्योंकि चूना पानी की क्वालिटी को बेहतर बनाता है और बैक्टीरिया को भी कम करता है. लेकिन ध्यान रखें, चूने को सीधे न डालें. उसे कम से कम 24 घंटे पहले पानी में भिगोकर फिर तालाब में समान रूप से छिड़कें. अगर तालाब का पानी बहुत हरा हो जाए तो यह संकेत है कि उसमें ज्यादा पोषण तत्व हैं, जिससे ऑक्सीजन की खपत ज्यादा हो रही है. ऐसे में मछलियों को दिए जाने वाले चारे की मात्रा घटा दें.
तालाब में जरूरत से ज्यादा मछलियां न रखें
तालाब में मछलियों की संख्या का संतुलन भी बेहद जरूरी है. अगर तालाब में जरूरत से ज्यादा मछलियां हैं तो ऑक्सीजन कम पड़ सकती है. इस स्थिति में कुछ मछलियों को दूसरे तालाब में शिफ्ट करना चाहिए.
गर्मी में भोजन देने का सही समय
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मछलियों को भोजन देने का तरीका भी गर्मियों में बदलना चाहिए. खासकर दोपहर के वक्त, मछलियों को 10 प्रतिशत से ज्यादा खाना न दें. सुबह, शाम और रात को मछलियों को लगभग 30-30 प्रतिशत खाना दिया जा सकता है. इससे मछलियां अच्छे से पचाने में सक्षम होती हैं और उनका स्वास्थ्य बना रहता है.
गर्मी में सूखा चारा देने से बचें
इसके अलावा, सूखा चारा न दें. इसके बजाय, एक लीटर पानी में 100 ग्राम गुड़ घोलें और उसमें 2-3 ग्राम विटामिन सी मिलाएं. इस घोल को मछलियों को खाने में मिलाकर दें. इससे उनका पाचन तंत्र मजबूत रहेगा और गर्मी का असर कम होगा.
गर्मी में तालाब प्रबंधन अगर सही तरीके से किया जाए तो मछलियों की सेहत सुरक्षित रहेगी और उत्पादन में कोई नुकसान नहीं होगा. ध्यान रखें, गर्मी में छोटी-छोटी लापरवाहियां भी बड़ी परेशानी बन सकती हैं. इसलिए सतर्क रहें और वैज्ञानिक सलाह का पालन करें.