भारत में कृषि और पशुपालन के साथ-साथ पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming) अब किसानों और युवाओं के लिए तेजी से उभरता हुआ लाभदायक व्यवसाय बन गया है. अगर इसे सही तकनीक और वैज्ञानिक तरीके से किया जाए, तो कम खर्च में भी इससे लाखों रुपये का मुनाफा कमाया जा सकता है. आज हम जानेंगे कि पोल्ट्री फार्मिंग में चूजों की देखभाल कैसे की जाए ताकि नुकसान कम और उत्पादन अधिक हो.
पोल्ट्री फार्मिंग क्यों है खास?
पोल्ट्री फार्मिंग का मकसद केवल अंडे और मांस का उत्पादन नहीं है, बल्कि इससे जुड़ा एक पूरा उद्योग तैयार हो चुका है जिसमें फीड निर्माण, हैचरी, पैकिंग और डिलीवरी जैसे काम भी शामिल हैं. ग्रामीण इलाकों में यह रोजगार का एक बड़ा स्रोत बन चुका है.
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चूजों की देखभाल, फीडिंग, तापमान नियंत्रण और स्वच्छता पर ध्यान दिया जाए, तो एक छोटे फार्म से भी हर महीने 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की कमाई संभव है.
चूजों की देखभाल है सफलता की पहली सीढ़ी
जब चूजे फार्म में लाए जाते हैं, तो पहले 10 से 15 दिन उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिन होते हैं. इस समय तापमान, खाना, पानी और वातावरण का खास ध्यान रखना जरूरी होता है. अगर इस चरण में थोड़ी सी लापरवाही हो जाए, तो बीमारियां फैल सकती हैं और पूरे बैच को नुकसान हो सकता है.
फार्म की सफाई और तापमान नियंत्रण
- फार्म में चूजे लाने से पहले पूरे शेड को कीटाणुरहित (Disinfect) करना जरूरी है.
- दीवारों और फर्श पर एंटीसेप्टिक स्प्रे करें ताकि कोई संक्रमण न फैले.
- फिर, ब्रूडर (Brooder) की मदद से अंदर का तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस बनाए रखें.
- अगर चूजे एक कोने में इकट्ठे हो रहे हैं, तो तापमान कम है, वहीं अगर वे दूर-दूर फैल रहे हैं, तो गर्मी ज्यादा है.
- संतुलित तापमान ही उनकी ग्रोथ के लिए सबसे सही होता है.
फीडिंग यानी चूजों का सही खानपान
- चूजों की ग्रोथ और सेहत पूरी तरह उनकी डाइट पर निर्भर करती है.
- शुरुआती दिनों में उन्हें बारीक दाना (Fine Grains) देना चाहिए.
- 15 दिन की उम्र के बाद स्टार्टर फीड (Starter Feed) और फिर ग्रोअर फीड (Grower Feed) देना शुरू करें.
- फीड में आवश्यक विटामिन्स, मिनरल्स और प्रोटीन होना चाहिए, ताकि मुर्गियां जल्दी बड़ी हों और उत्पादन ज्यादा दें.
ध्यान रहे कि दाना हमेशा सूखी और ठंडी जगह पर रखें, वरना उसमें फफूंद लग सकती है, जो बीमारियों का कारण बनती है.
बायो-सिक्योरिटी और हाइजीन पर फोकस
- एक सफल पोल्ट्री फार्म के लिए बायो-सिक्योरिटी (Bio-Security) सबसे जरूरी कदम है.
- किसी भी बाहरी व्यक्ति को फार्म में आने से पहले जूते–कपड़े बदलने चाहिए.
- बीमारी फैलने से बचाने के लिए नियमित अंतराल पर दवाओं और विटामिन्स का उपयोग करें.
- साफ पानी और हवा का इंतजाम रखें.
अगर हाइजीन बनी रहे तो न केवल मुर्गियां स्वस्थ रहती हैं, बल्कि फीड की खपत भी कम होती है और उत्पादन बढ़ता है.
कितना खर्च और कितना मुनाफा?
अगर कोई किसान 500 चूजों से फार्म शुरू करता है, तो लगभग 60 से 70 हजार रुपये का शुरुआती निवेश लगेगा — जिसमें फीड, बिजली, दवाइयां और अन्य खर्च शामिल हैं. एक बैच 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाता है और बिक्री के बाद 40 से 50 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा हो सकता है. अगर यही काम सालभर में 6 बैचों के साथ किया जाए, तो सालाना आय 2 से 3 लाख रुपये तक हो सकती है.