Poultry Farming: मुर्गी पालन अब केवल छोटे किसान ही नहीं, बल्कि पैसे वाले लोग भी कर रहे हैं. क्योंकि मुर्गियों के अंडे और मांस की मार्केट में डिमांड बढ़ गई है, जिससे किसानों की अच्छी कमाई हो रही है. लेकिन कई बार किसानों की शिकायत रहती है कि उनकी मुर्गियां बहुत कम अंडे दे रही हैं और साथ ही उनके चूजे का वजन भी तेजी से नहीं बढ़ रहा है. लेकिन अब किसानों की चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताएंगे, जिससे अपनाते ही मुर्गियां पहले के मुकाबले ज्यादा अंडे देंगी.
दरअसल, गांवों में मुर्गीपालन किसानों की आमदनी बढ़ाने का एक मजबूत जरिया बनता जा रहा है. लेकिन अगर मुर्गियों को सही और खास फीड दी जाए, तो उनकी अंडा देने की क्षमता काफी बढ़ सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि पौष्टिक दाना, हरी सब्जियां और कुछ खास अनाज मिलाकर बनाई गई डाइट देने से मुर्गियां तंदुरुस्त रहती हैं. इसके उनका अंडा उत्पादन बहुत अधिक बढ़ जाता है.
तीन तरह के होते हैं मुर्गियों के आहार
पशु चिकित्सक डॉ. बृहस्पति भारती के मुताबिक, मुर्गियों की फीडिंग को तीन से चार चरणों में बांटा जाता है. सबसे पहले नवजात चूजों को ‘चिक्स फीड’ दी जाती है. इसके बाद पहले 6 हफ्तों तक उन्हें प्रोटीन से भरपूर स्टार्टर फीड दी जानी चाहिए. फिर धीरे-धीरे उन्हें ग्रोअर फीड पर शिफ्ट किया जाता है, जिसमें प्रोटीन थोड़ा कम होता है. लेकिन बाकी जरूरी पोषक तत्व मौजूद रहते हैं जो उनकी अच्छी ग्रोथ और सेहत के लिए जरूरी हैं.
35 दिन में बेचने लायक तैयार हो जाएंगी मुर्गियां
पशु एक्सपर्ट के मुताबिक, ब्रायलर मुर्गियां लगभग 30 से 35 दिन में बेचने लायक हो जाती हैं, जबकि लेयर मुर्गियां कई महीनों तक अंडे देती रहती हैं. वहीं, कड़कनाथ जैसी नस्लें खुले माहौल में बेहतर बढ़ती हैं और 3 से 4 महीने में पूरी तरह तैयार हो जाती हैं. खास बात यह है कि हर नस्ल के लिए अलग-अलग तरह की फीड बाजार में मिलती है. अब तो ऑटोमैटिक फीडर भी आ गए हैं, जिससे बड़े स्तर पर मुर्गीपालन और भी आसान हो गया है. एक चूजा शुरू के 8 हफ्तों में रोज करीब 28 से 56 ग्राम चारा खाता है. जैसे-जैसे उसका वजन बढ़ता है, उसकी फीड भी बढ़कर 200 से 250 ग्राम तक हो जाती है. आमतौर पर 1000 मुर्गियों के लिए 4-5 ऑटोमैटिक फीडर काफी होते हैं, जिन्हें दिन में दो बार सुबह और शाम भरना होता है.
क्या मुर्गियां भी खाती हैं हरी सब्जियां
विशेषज्ञों के अनुसार, मुर्गियों को सिर्फ दाना ही नहीं, बल्कि शलजम का साग और केल जैसी हरी सब्जियां भी खिलानी चाहिए. ये उनकी सेहत और अंडे देने की ताकत दोनों बढ़ाती हैं. लेकिन आइसबर्ग लेट्यूस नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह पचने में मुश्किल होती है. साथ ही कीड़े-मकोड़े भी प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं, जो चूजों के तेजी से बढ़ने में मदद करते हैं. जब किसान इन सही फीडिंग तरीकों को अपनाते हैं, तो मुर्गियां ज्यादा स्वस्थ रहती हैं और अंडे भी ज्यादा देती हैं.