30 हजार रुपए पाने के लिए किसान जल्द करें.. कल है लास्ट डेट, डॉक्यूमेंट लिस्ट देखें

राजस्थान सरकार पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बैलों से खेती करने वाले लघु और सीमांत किसानों को 30,000 रुपए की अनुदान राशि दे रही है. किसान 10 सितंबर 2025 तक ऑफलाइन आवेदन करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.

नोएडा | Published: 8 Sep, 2025 | 11:50 AM

खेती-किसानी में आज के दौर में मशीनों का उपयोग बढ़ गया है, लेकिन आज भी बहुत से किसान ऐसे हैं जो पारंपरिक तरीकों से खेती करना पसंद करते हैं. खासकर लघु और सीमांत किसान, जो बैलों से खेत जोतते हैं क्योंकि उनके पास ट्रैक्टर या महंगी मशीनें खरीदने का बजट नहीं होता. ऐसे किसानों के लिए अब एक बड़ी खुशखबरी है. राजस्थान सरकार ने बैलों से खेती करने वाले किसानों को 30,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया है. यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है.

पारंपरिक खेती को मिलेगा बढ़ावा

राजस्थान सरकार की यह पहल पारंपरिक कृषि पद्धतियों को फिर से जमीन पर लाने का काम करेगी. वर्तमान समय में अधिकतर किसान आधुनिक यंत्रों पर निर्भर हो गए हैं, लेकिन बहुत से छोटे किसान आज भी बैलों के सहारे खेती करते हैं. ये किसान न केवल अपने तरीके से खेती करते हैं बल्कि मिट्टी और पर्यावरण का भी ध्यान रखते हैं. सरकार का मानना है कि इन किसानों को आर्थिक मदद देने से वे अपनी परंपरा को जारी रख पाएंगे और साथ ही प्रदेश में जैविक और देसी तरीकों से खेती को बढ़ावा मिलेगा.

मुख्यमंत्री बजट घोषणा में हुई थी योजना की घोषणा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह योजना राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री बजट घोषणा वर्ष 2025-26 के तहत लाई गई है. इसके अंतर्गत राज्य के लघु और सीमांत किसानों को 30,000 रुपये तक की अनुदान राशि दी जाएगी, बशर्ते वे खेती में बैलों का उपयोग करते हों. यह योजना उन किसानों के लिए वरदान साबित होगी जो आधुनिक उपकरण नहीं खरीद सकते और पारंपरिक खेती में विश्वास रखते हैं. इस प्रोत्साहन से किसान बैलों की अच्छी देखरेख कर पाएंगे और कृषि में और भी मजबूती से जुड़े रहेंगे.

आवेदन की अंतिम तिथि 10 सितंबर 2025

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ जरूरी शर्तें पूरी करनी होंगी. सबसे पहले, किसान को अपने नजदीकी कृषि पर्यवेक्षक कार्यालय में जाकर ऑफलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन पूरी तरह से भरा हुआ होना चाहिए.

आवश्यक दस्तावेज

  • पशु (बैलों) का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
  • बैलों के साथ किसान की जिओ टैगिंग की गई फोटो
  • स्व-प्रमाणित फोटो
  • खेत की जमाबंदी की नकल
  • बैंक खाते की प्रमाणित प्रति

इस योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है. इसके बाद आने वाले किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा. इसलिए इच्छुक किसान समय रहते अपना आवेदन जरूर जमा करा दें.

छोटे किसानों के लिए बड़ी राहत

जिन किसानों के पास सीमित संसाधन हैं, उनके लिए यह योजना किसी राहत से कम नहीं है. इससे न केवल उन्हें आर्थिक सहयोग मिलेगा, बल्कि उनके बैलों की देखरेख भी बेहतर ढंग से हो सकेगी. कई बार किसान मजबूरी में या लागत के कारण अपने पशुओं की सही देखभाल नहीं कर पाते. अब इस अनुदान की मदद से वे बैलों का चारा, दवाइयां और देखभाल कर पाएंगे. इससे उनकी खेती की गुणवत्ता भी बेहतर होगी और उत्पादन में भी सुधार आएगा.

सरकार की कोशिश- किसान हो आत्मनिर्भर

राज्य सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि किसान आत्मनिर्भर बने और पारंपरिक खेती को खत्म न होने दें. यह योजना उसी दिशा में एक मजबूत कदम है. सरकार मानती है कि जब तक खेती में विविधता और परंपरा नहीं रहेगी, तब तक कृषि पूरी तरह सफल नहीं हो सकती. बैलों से खेती करने वाले किसान पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना खेती करते हैं. ऐसे किसानों को समर्थन देना समाज और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है.