ठंड में सुस्त न हों आपके पशु, गुड़-तेल और खली-बाजरा का मिक्चर देगा जबरदस्त ऊर्जा.. ऐसे बनाएं टॉनिक

सर्दियों में पशु सुस्त हो जाते हैं और दूध उत्पादन घटता है. ऐसे में देसी मिश्रण उन्हें ऊर्जा और गर्माहट देकर बेहतर सेहत और उत्पादन में मदद करता है. यह पारंपरिक आहार ठंड के मौसम में पशुओं के लिए प्रभावी माना जाता है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 12 Dec, 2025 | 01:41 PM

Dairy Farming : सर्दियों की ठिठुरन सिर्फ इंसानों को ही नहीं, बल्कि पशुओं को भी काफी परेशान करती है. तापमान गिरते ही दूध देने वाले पशु सुस्त पड़ने लगते हैं, उनकी भूख घट जाती है और उत्पादन भी कम होने लगता है. ऐसे माहौल में एक पुराना देसी नुस्खा फिर से किसानों के लिए बड़ी मदद बनकर उभरा है. गुड़, सरसों का तेल, खल और बाजरा का यह खास मिश्रण प्राकृतिक ऊर्जा बूस्टर की तरह काम करता है. ग्रामीण इलाकों में इसे वर्षों से इस्तेमाल किया जाता रहा है और आज भी पशुओं को सर्दी से बचाने का यह सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका माना जाता है.

गुड़ देता है तुरंत ऊर्जा और सर्दी से सुरक्षा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों में पशुओं  के शरीर का तापमान जल्दी गिरता है, जिससे वे कमजोर और सुस्त हो जाते हैं. ऐसे में गुड़ उनके लिए गर्माहट देने वाला प्राकृतिक टॉनिक बन जाता है. गुड़ में मौजूद शर्करा तुरंत ऊर्जा देती है और शरीर को भीतर से गर्म रखती है. इससे पशु एक्टिव रहते हैं, थकान दूर होती है और रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है. गांवों में ठंड बढ़ते ही पशुओं के खाने  में गुड़ मिलाना आम परंपरा है, क्योंकि इसका असर तुरंत दिखता है.

सरसों का तेल बनाता है पाचन मजबूत और शरीर गर्म

सर्दियों में कई बार पशु भोजन ठीक से पचा नहीं पाते, जिससे दूध में कमी  आने लगती है. थोड़ी मात्रा में दिया गया सरसों का तेल उनके पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और शरीर में गर्मी उत्पन्न करता है. यह ठंड से होने वाली सुस्ती को कम करता है और पेट से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करता है. इसलिए किसान सर्दियों में खास तौर पर पशु आहार  में सरसों तेल मिलाकर देते हैं.

खल का प्रोटीन बढ़ाता है दूध उत्पादन

खल, चाहे सरसों की हो, तिल की या मूंगफली कीपशुओं के लिए प्रोटीन का सबसे सस्ता और असरदार स्रोत माना जाता है. यह मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और दुधारू पशुओं में दूध की मात्रा स्वाभाविक रूप से बढ़ाती है. ठंड के मौसम में जब पशु सुस्त पड़ जाते हैं, खल उन्हें फिर से सक्रिय बनाती है और उनकी ताकत बढ़ाती है. यही वजह है कि दूध उत्पादन बढ़ाने  के लिए किसान खल को आहार का जरूरी हिस्सा मानते हैं.

बाजरा देता है लंबे समय तक ऊर्जा और सर्दी से सुरक्षा

बाजरा सर्दियों का सबसे उपयुक्त अनाज माना जाता है. इसकी गर्म तासीर शरीर को ठंड से बचाती है और इसमें मौजूद फाइबर व कार्बोहाइड्रेट पशुओं को लंबे समय तक ऊर्जा देते हैं. इससे थकान, कमजोरी और सुस्ती  दूर रहती है. बाजरा पाचन को भी मजबूत करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जिससे सर्दियों में होने वाली बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.

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