सर्दियों में मवेशियों की कमजोरी दूर करेगा अजोला, किसान इसे क्यों कह रहे हैं पशुओं का ड्राईफ्रूट?

सर्दियों में मवेशी कमजोर पड़ जाते हैं, लेकिन अजोला उन्हें फिर से तंदुरुस्त बनाने का आसान और किफायती चारा बन गया है. पानी पर उगने वाली यह फर्न प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर है, जिसे किसान पशुओं का ड्राईफ्रूट कह रहे हैं. सस्ता, पौष्टिक और तेजी से बढ़ने वाला यह चारा किसानों के लिए बड़ा सहारा बन चुका है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 5 Dec, 2025 | 07:30 PM

Animal Fodder : सर्दियों में जब खेतों पर धुंध छाने लगती है और पशुओं की ताकत कम होने लगती है, तब किसानों की सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि कौन-सा चारा खिलाएं कि उनके मवेशियों को ताकत और गर्माहट दे सके. ऐसे मौसम में एक छोटी-सी फर्न किसानों का बड़ा सहारा बन गई है, जिसका नाम है अजोला. पानी पर तैरकर बढ़ने वाला यह हल्का-सा पौधा आज पशुपालन में पशुओं का ड्राईफ्रूट कहलाने लगा है, क्योंकि इसमें वह पोषण है जो सर्दियों में मवेशियों को सबसे ज्यादा जरूरत होता है.

सर्दियों में अजोला क्यों है सबसे बेहतर चारा?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों में चारे  की गुणवत्ता घट जाती है, जिससे मवेशी कमजोरी महसूस करने लगते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे समय में अजोला सबसे बेहतर चारा है, क्योंकि यह जलीय फर्न होने के बावजूद पोषक तत्वों से बेहद भरपूर है. केंद्रीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी ने इसके उन्नत रूप को विकसित किया है और अब इसमें 25 फीसदी से अधिक प्रोटीन पाया जाता है, जो किसी भी सामान्य चारे की तुलना में काफी ज्यादा है.

क्यों कहा जाता है इसे पशुओं का ड्राईफ्रूट?

संस्थान के वैज्ञानिक बताते हैं कि अजोला खाने वाले मवेशियों की सेहत  अन्य पशुओं की तुलना में काफी बेहतर पाई गई है. इसका कारण है कि यह पौधा प्राकृतिक तरीके से प्रोटीन, विटामिन और मिनरल से समृद्ध है. इसे खाने से पशुओं की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और उनका पाचन भी बेहतर होता है. दूध देने वाले पशुओं में दूध की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार देखने को मिलता है.

कैसे और कहां तेजी से बढ़ता है अजोला?

अजोला की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे उगाना न तो मुश्किल है और न ही महंगा. यह नमी वाली मिट्टी और हल्की गर्माहट वाले वातावरण में बहुत तेजी से फैलता है. इसकी खेती के लिए सिर्फ 5 से 10 सेंटीमीटर पानी की गहराई और 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान  ही पर्याप्त होता है. सही परिस्थितियों में यह कुछ ही दिनों में पानी की सतह पर एक हरी चादर की तरह फैल जाता है. इसकी गति इतनी तेज होती है कि किसान हर 10-12 दिन में इसे निकालकर पशुओं को खिला सकते हैं.

किसान आसानी से कैसे तैयार कर सकते हैं अजोला चारा?

अजोला की खेती  घर, खेत, आंगन या किसी भी खाली जगह में बेहद आसानी से की जा सकती है. इसके लिए बस एक छायादार स्थान और थोड़ी-सी तैयारी की जरूरत होती है. किसान जमीन पर एक क्यारी बनाकर उसमें प्लास्टिक शीट बिछाते हैं ताकि पानी ठहरा रह सके. इसके बाद थोड़ी-सी उपजाऊ मिट्टी और पानी डालकर अजोला का कल्चर  छोड़ दिया जाता है. कुछ ही दिनों में यह तेजी से फैलने लगता है और चारे के रूप में उपयोग के लिए तैयार हो जाता है.

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Published: 5 Dec, 2025 | 07:30 PM

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