क्या आप भी चाहते हैं कि आपके पशु ज्यादा दूध दें, कम बीमार पड़ें और हमेशा तंदरुस्त रहें? तो आपको जानना चाहिए अजोला घास के बारे में- यह वही खास हरी जादुई घास है जो पशुओं के लिए सुपरफूड की तरह काम करती है. इसे आप घर या खेत में ही आसानी से उगा सकते हैं और बिना ज्यादा खर्च के पशुओं की सेहत में बड़ा सुधार ला सकते हैं.
क्या है अजोला घास?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अजोला एक खास तरह की जलीय फर्न (Aquatic Fern) है, जो पानी की सतह पर हरी परत के रूप में उगती है. इसकी पत्तियां बेहद छोटी होती हैं, लेकिन पोषण में यह बहुत समृद्ध होती है. अजोला में प्रोटीन, विटामिन A, B और मिनरल्स जैसे कैल्शियम, आयरन और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. यह घास तेजी से फैलती है और सिर्फ कुछ ही दिनों में तैयार हो जाती है. इसे छोटे पानी के टैंक, ड्रम या खेत के कोने में बने गड्ढे में भी उगाया जा सकता है.
अजोला के फायदे- कम लागत में बड़ा फायदा
अजोला हर पशुपालक के लिए वरदान है क्योंकि इसमें खर्च कम और फायदा ज्यादा है. इसमें 25-30 फीसदी तक प्रोटीन होता है, जो पशुओं के विकास के लिए जरूरी है. इसे खिलाने से दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों बढ़ती हैं. यह कम खर्च में आसानी से उगाया जा सकता है. अजोला पशुओं के पाचन को दुरुस्त रखता है और प्राकृतिक ऊर्जा देता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उन्हें बीमारियों से सुरक्षित रखते हैं.
घर या खेत में ऐसे उगाएं अजोला
अगर आप चाहते हैं कि आपके पशु रोज ताजा अजोला खाएं, तो इसे घर पर उगाना बेहद आसान है. एक छोटा गड्ढा (6×4 फीट) बनाकर उसमें पॉलीथिन शीट बिछाएं और 5-6 इंच पानी भरें. फिर एक किलो गोबर और थोड़ी मिट्टी मिलाएं. अब अजोला कल्चर डाल दें. सिर्फ 5-7 दिनों में अजोला पूरे टैंक में फैल जाएगा और उपयोग के लिए तैयार हो जाएगा. नियमित रूप से पानी और गोबर डालते रहें ताकि इसका विकास लगातार होता रहे.
कैसे खिलाएं अजोला-सही तरीका जानें
अजोला को पशुओं को देने से पहले साफ पानी में धोना जरूरी है ताकि मिट्टी या कोई गंदगी न रह जाए.
- इसे हरे चारे या भूसे में मिलाकर दिया जा सकता है.
- शुरुआत में कम मात्रा दें (100 ग्राम तक), फिर धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाएं.
- गाय, भैंस, बकरी, भेड़, मुर्गी और सुअर सभी के लिए यह उपयुक्त है.
- नियमित रूप से खिलाने से दूध उत्पादन, वजन और सेहत में बड़ा सुधार देखने को मिलता है.
क्यों अपनाएं यह देसी उपाय
आज के समय में बाजार के महंगे पशु आहार किसानों की जेब पर भारी पड़ते हैं. ऐसे में अजोला जैसे प्राकृतिक चारे न केवल लागत घटाते हैं, बल्कि पशुओं को रासायनिक दानों से भी बचाते हैं. कई राज्यों में कृषि विभाग भी अजोला उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है क्योंकि यह टिकाऊ, सस्ता और पोषण से भरपूर विकल्प है.