किसानों को पसंद आ रहा दो किस्मों से बना हाईब्रिड आम, जान ले पौधा तैयार करने का तरीका

आम की दो प्रीमियम किस्मों से तैयार किए गए नए हाइब्रिड आम बागवानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रहा है.

नोएडा | Updated On: 17 May, 2025 | 09:59 PM

गर्मी का मौसम आते ही आम की खुशबू हर तरफ फैल जाती है और बाजारों में रौनक बढ़ जाती है. ऐसे में आज हम आपके लिए आम की एक खास किस्म लेकर आए हैं जो दो प्रीमियम आमों को मिलाकर बनाई गई है और इसका नाम है हिमायुद्दीन नीलम हाइब्रिड किस्म. यह न सिर्फ स्वाद में बल्कि कम मेहनत के साथ ज्यादा उपज और कीटों के प्रति प्रतिरोधक भी है. यह किस्म किसानों के साथ-साथ व्यापारिक किसानों के लिए भी बेस्ट मानी जा रही है.

दो किस्मों से मिलकर बनी हाइब्रिड वैराइटी

हिमायुद्दीन नीलम हाइब्रिड आम को दो प्रीमियम आम किस्मों हिमायुद्दीन और नीलम को मिलाकर तैयार किया गया है. इसकी वजह से यह आम क्वालिटी और स्वाद के मामले में बेस्ट है. यह आम खट्टे- मीठे स्वाद, सुगंधित और कम रेशों के लिए जाना जाता है. इसकी की एक और बड़ी खासियत यह है कि यह ग्राफ्टेड होता है, यानी यह जल्दी फल देना शुरू करता है. जिसे यह आम के शौकीनों के साथ-साथ व्यापारिक किसानों के लिए भी बेस्ट होता है.

दूर रहते हैं ये कीट और बीमारियां

इसके साथ ही यह किस्म मैंगो हॉपर, पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रेक्नोज जैसी बीमारियों और कीटों के प्रति काफी हद तक प्रतिरोधी है. जिससे कीटनाशक पर खर्च कम आता है. साथ ही, यह किस्म कम रखरखाव में भी अच्छा उत्पादन देती है, जिससे छोटे और सीमांत किसान भी इस किस्म की खेती आसानी से कर सकते है. वहीं इस किस्म की खेती मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के राज्यों में होती है.

आम की खेती का सही तरीका

किसान हिमायुद्दीन नीलम हाइब्रिड आम की खेती वर्षा आधारित क्षेत्रों में जुलाई से अगस्त के बीच और सिंचित क्षेत्रों में फरवरी से मार्च के बीच करना उचित रहता है. इस किस्म की खेती के लिए किसानों को कुछ आसान बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे की खेती के लिए मिट्टी उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए ताकि जड़ों में सड़न न हो.

नियमित सिंचाई करें

पौध को लगाने के बाद नियमित सिंचाई करें. इस पौधे को स्वस्थ रखने के लिए हर 20–25 दिन में जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, नीमऔर वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें. सूखी और कमजोर टहनियों की समय-समय पर छंटाई करें. पौधे के चारों ओर घास या पुआल से मल्चिंग करें ताकि नमी बनी रहें.

Published: 17 May, 2025 | 09:59 PM