हिमाचल प्रदेश में किसान के साथ-साथ आम जनता के लिए राहतभरी खबर है. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार ने आपदा पीड़ित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज को मंजूरी दी है. साल 2023 की तर्ज पर इस बार भी आपदा पीड़ितों को पूरी तरह से मकान क्षतिग्रस्त होने पर 7 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर एक लाख रुपये की विशेष राहत दी जाएगी. साथ ही घरों के सामान बहने पर मकान मालिक को 70 हजार और किराएदार को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे. सरकार को उम्मीद है कि इसके इस विशेष पैकेज से आपदा प्रभावितों को काफी हद तक राहत मिलेगी. उनकी जिन्दगी राहत की राशि से फिर पटरी आ पा पाएगी.
प्रसार भारती की रिपोर्ट के मुताबिक, आज यानी 28 जुलाई को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई. इसी बैठक में विशेष राहत को मंजूरी दी गई. इसी तरह जमीन और पशुधन के नुकसान पर भी सरकार ने मुआवजा देने का ऐलान किया है. इसके लिए भी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. वहीं, कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल सरकार 2023 और 2024 की तर्ज पर इस बार भी आपदा प्रभावितों को विशेष राहत पैकेज दे रही है.
प्रभावितों को विशेष राहत पैकेज दिया जाएगा
उन्होंने कहा कि मंडी जिला के अलावा प्रदेश के अन्य इलाकों जहां भी आपदा से नुकसान हुआ है, वहां विशेष राहत पैकेज दिया जाएगा. इसके अलावा कैबिनेट ने पेपर लीक के लिए बिल को मंजूरी दी है, जिसमें पेपर लीक करने अथवा करवाने वाले को 3 साल की सजा का प्रावधान होगा. इसके अलावा कैबिनेट ने आईजीएमसी में एनेस्थीसिया और रेडियोलोजिस्ट के पदों को 10 से बढ़ाकर 50 करने को मंजूरी दी है. कैबिनेट ने आईजीएमसी शिमला के कैंसर अस्पताल में पेट स्कैन सुविधा जल्द शुरू करने को भी मंजूरी दी है. सभी उपकरण व बिल्डिंग तैयार हैं. इलाज जल्द आरंभ होगा.
वृक्षारोपण करने पर मिलेंगे1.40 लाख रुपए
खास बात यह है कि कैबिनेट ने राजीव गांधी वन संवर्धन योजना को भी मंजूरी दी है. इस योजना के तहत जो महिला मंडल या युवक मंडल वन भूमि पर वृक्षारोपण करेंगे उन्हें 1.40 लाख रुपए शुरुआती राशि और बाद में सरवाइवल दर के अनुसार इन्सेंटिव मिलेगा. यह योजना पर्यावरण संरक्षण और रोजगार दोनों में अहम साबित होगी.
बारिश और भूस्खलन से तबाही
बता दें कि इस साल हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है. इससे बागवानी के साथ-साथ खरीफ फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. वहीं, भूस्खलन से सैकड़ों एकड़ कृषि भूमी और सेब के बागान तबाह हो गए हैं. साथ ही 135 से अधिक इंसानों की भी मौत हुई है और कई लोग लापता हैं.