कछुओं की संख्या बढ़ाएगी योगी सरकार, 15 हेक्टेयर वेटलैंड में बनेगा सेंटर

कछुओं के जीवन को बचाने और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है. इसके लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कछुओं के संरक्षण के केंद्र खोला जाएगा. इसके ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

नोएडा | Updated On: 9 May, 2025 | 01:11 PM

उत्तर प्रदेश सरकार ने पशु-पक्षियों के सरंक्षण पर जोर शोर से काम कर रही है. इस दिशा में योगी सरकार ने एक और कदम बढ़ाते हुए अब कछुओं के संरक्षण और उनकी संख्या बढ़ाने की तैयारी कर ली है. दरअसल, योगी सरकार ने बरेली में कछुआ संरक्षण केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है.  इसके साथ ही अन्य जलीय जीवों को संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा.

गोला नदी के किनारे बनेगा केंद्र

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर बरेली के मीरगंज क्षेत्र में एक अनोखी और सराहनीय परियोजना की शुरुआत हुई है. यहां गोला नदी के किनारे करीब 15 हेक्टेयर क्षेत्र में कछुआ संरक्षण क्षेत्र और वेटलैंड इको-टूरिज्म ज़ोन विकसित किया जा रहा है. यह वेटलैंड पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा स्थान होगा, जहां कछुओं के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

एक हजार से अधिक कछुओं का संरक्षण

बात करें मीरगंज के डिवना वेटलैंड क्षेत्र की तो यहां 1,000 से अधिक कछुओं की मौजूदगी दर्ज की गई है. वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) के सर्वे में यहां कछुओं की ट्राइनॉक्स, जियोचेलोन एलिगेंस और सॉफ्टशेल जैसे जैविक प्रजातिया अच्छी-खासी संख्या दर्ज की गई है. वहीं इन प्रजातियों का जैविक महत्व अधिक होने के कारण अब इस क्षेत्र को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित किया जाएगा.

6 महीने में बन जाएगा सेंटर

इस परियोजना का लक्ष्य है कि अगले छह महीने में कछुआ संरक्षण रिजर्व पूरी तरह से तैयार कर लिया जाए. इसके बाद इसे इको-टूरिज्म केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा सके, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे. इस परियोजना से न सिर्फ कछुओं का संरक्षण होगा बल्कि बरेली को पर्यावरणीय पर्यटन के नए नक्शे पर भी स्थान मिलेगा. यह पहल उत्तर प्रदेश में जैव विविधता संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है.

जल प्रजातियों को भी बढ़ावा मिलेगा

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) की योजना के अनुसार वेटलैंड में गांवों से बहने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए जल शुद्धिकरण तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा अवैध कब्जों को हटाकर वेटलैंड के इकोसिस्टम को संतुलन में रखने में मदद की जाएगी. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और वन विभाग की यह साझेदारी आने वाले वर्षों में कछुओं समेत कई अन्य जलचर प्रजातियों को नया जीवन देने का कार्य करेगी.

Published: 9 May, 2025 | 01:09 PM