भैंस पालन के लिए बेस्ट 5 नस्लें, जो देंगी ज्यादा दूध और मुनाफा

भारत में भैंस पालन के लिए कई अलग-अलग नस्लें हैं, जिनकी विशेषताएं अलग-अलग हैं. इनमें से कुछ नस्लें उच्च गुणवत्ता का दूध देती हैं, जिनका दूध खासकर उसकी उच्च वसा सामग्री की वजह से बहुत महंगा होता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 28 Apr, 2025 | 03:34 PM

अगर आप भैंस पालन की शुरुआत करने का सोच रहे हैं, तो सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि भैंस की किस नस्ल का चयन करना आपके लिए सबसे फायदेमंद होगा. भारत में भैंस पालन के लिए कई अलग-अलग नस्लें हैं, जिनकी विशेषताएं अलग-अलग हैं. इनमें से कुछ नस्लें उच्च गुणवत्ता का दूध देती हैं, जिनका दूध खासकर उसकी उच्च वसा(fat) की वजह से बहुत महंगा होता है. तो आइए जानते हैं 5 प्रसिद्ध भैंस नस्लों के बारे में, जिससे आपका कारोबार बढ़ता चला जाएगा.

1. मुर्रा भैंस

मुर्रा भैंस को भारत की सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध दूध देने वाली नस्ल माना जाता है. यह नस्ल हरियाणा और पंजाब में पाई जाती है. मुर्रा भैंस एक दिन में औसतन 10 से 16 लीटर तक दूध देती है, और कुछ विशेष भैंसें इससे भी ज्यादा दूध दे सकती हैं. इस नस्ल की दूध में वसा की मात्रा भी बहुत अधिक होती है, जिससे इसका दूध बाजार में अधिक कीमत पर बिकता है.

2. सुरती भैंस

सुरती भैंस गुजरात में पाई जाती है. यह नस्ल दूध के लिए प्रसिद्ध है, और जीवनभर में एक सुरती भैंस 900 से 1300 लीटर तक दूध देती है. सुरती भैंस का दूध में वसा की मात्रा 8 से 12 प्रतिशत तक होती है, जो इसे एक मूल्यवान उत्पाद बनाती है. यदि आप उच्च वसा वाले दूध का उत्पादन करना चाहते हैं, तो सुरती भैंस एक अच्छा विकल्प हो सकती है.

3. जाफराबादी भैंस

जाफराबादी भैंस की नस्ल गुजरात में पाई जाती है. इस नस्ल का सिर चौड़ा, उभरा हुआ और सींग भारी होते हैं. जाफराबादी भैंस की विशेषता यह है कि इसका दूध उत्पादन बहुत अच्छा होता है, और इसकी नस्ल में अच्छी मांस की गुणवत्ता भी होती है. यह नस्ल परंपरागत रूप से उच्च दूध देने वाली मानी जाती है.

4. मेहसाणा भैंस

मेहसाणा भैंस गुजरात के मेहसाणा क्षेत्र और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में पाई जाती है. यह नस्ल औसतन 1988 लीटर तक दूध देती है. मेहसाणा भैंस की शरीर का रंग काला होता है, और कुछ भैंसें काले-भूरे रंग की भी होती हैं. अगर आप एक उच्च दूध उत्पादन वाली नस्ल की तलाश में हैं, तो मेहसाणा भैंस आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है.

5. चिलिका भैंस

चिलिका भैंस उड़ीसा के पुरी, खुर्दा और गंजम जिलों में पाई जाती है. यह भैंस तटीय और खारे पानी की स्थितियों में उगने वाली वनस्पतियों को खाकर जीवित रह सकती है, जो इसे अन्य नस्लों से अलग बनाती है. चिलिका भैंस औसतन 500 लीटर तक दूध देती है.

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