आसमान से मछलियों की बारिश, जानें क्या है एनिमल रेन के पीछे का सच

एनिमल रेन तब होती है जब आसमान में पानी के साथ-साथ जानवर भी जमीन पर गिरते हैं, जैसे मछलियां, मेंढक या सांप.

Kisan India
Noida | Updated On: 3 Apr, 2025 | 01:36 PM

क्या आपने कभी सुना है कि आसमान से मछलियां गिर रही हैं? यह सुनने में जितना अजीब लगता है, उतना ही सच है. ऐसे कई उदाहरण दुनिया में सुनने और देखने को मिल जाएंगे, जहां आसमान से मछलियां, मेंढक, यहां तक कि सांप भी गिरते देखे गए हैं. इसे “एनिमल रेन” या “पशु वर्षा” कहा जाता है.

अगर आप सोच रहे हैं कि ये उपरवाले की मेहरबानी है, तो थोड़ा रुक जाइए. इस अजीब सवाल का मजेदार जवाब जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. क्योंकि सिर्फ विदेशों में नहीं, बल्कि भारत में भी हो चुकी है एनिमल रेन. तो आइए जानते हैं इसके पीछे का असली सच.

एनिमल रेन क्या है?

एनिमल रेन तब होती है जब आसमान में पानी के साथ-साथ जानवर भी जमीन पर गिरते हैं, जैसे मछलियां, मेंढक, सांप या छोटे क्रस्टेशियंस (जैसे झींगे). जब ये जानवर आसमान से गिरते हैं, तो यह दृश्य अजीब, डरावना और चौंकाने वाला होता है.

इसके पीछे का विज्ञान क्या है?

यह घटना तब होती है जब तेज हवाएं, बवंडर या तूफान इतने शक्तिशाली होते हैं कि वे पानी में रहने वाले जीवों को हवा में उड़ा कर काफी दूर ले जाते हैं. इनमें मछलियां, मेंढक, और छोटे क्रस्टेशियन्स शामिल होते हैं. जब यह तूफान धीमा पड़ता है, तो ये जीव वापस धरती पर गिर जाते हैं. वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि ऐसी घटनाएं सिर्फ तूफान के दौरान ही होती है, जिसमें तुफान इतने शक्तिशाली होते हैं कि वह मछलियों तक को पानी से बाहर खींच लेते हैं. जिसके बाद तुफान कम होने पर से मछलियां जमीन पर आ गिरती हैं. जिसे लोग चमत्कार समझ बैठते हैं.

कहां और क्यों होती है एनिमल रेन?

इसका सबसे ज्यादा उदाहरण समुद्र तटों पर या फिर उन क्षेत्रों में देखा गया है, जहां भारी बारिश होती है. विभिन्न प्रकार के तूफान, बवंडर, और जेट धाराएं इस प्रकार की घटनाओं का कारण बन सकती हैं.

क्या यह सुरक्षित है?

एनिमल रेन कोई खतरे की बात नहीं है, यह सिर्फ प्रकृति का एक रहस्यमय रूप है. हालांकि, यह दृश्य आश्चर्यचकित करने वाला होता है, और कभी-कभी स्थानीय लोगों के लिए यह एक अनोखा अनुभव बन जाता है.

कहां-कहां हो चुकी है एनिमल रेन?

होंडुरास (2004)

होंडुरास में एक प्रसिद्ध घटना घटी, जिसे “लासीमप्ला” के नाम से जाना जाता है. इस घटना में भारी बारिश के साथ मछलियों की बारिश हुई. यह घटना काफी चर्चा में रही और इसे एनिमल रेन का सबसे प्रमुख उदाहरण माना जाता है.

इंग्लैंड (1859)

इंग्लैंड में 1859 में भी ऐसी एक घटना घटी, जब आसमान से मेंढक और मछलियां गिरने की खबरें आईं. यह घटना तब हुई थी जब एक बवंडर के कारण जल प्राणी हवा में उड़ गए थे और फिर धरती पर गिर पड़े.

दक्षिणी अमेरिका (पाराग्वे)

पाराग्वे में भी इस तरह की घटनाएं देखने को मिली हैं, जहां पानी में रहने वाले जीव जैसे मेंढक, मछलियां, और कीड़े आसमान से गिरे थे. यह घटना समुद्र तटों या नदियों के पास होने वाले तूफान के कारण हुई थी.

भारत (2004)

भारत में भी कुछ स्थानों पर एनिमल रेन देखी गई है. 2004 में भारत के कुछ हिस्सों में मछलियों और मेंढकों की बारिश हुई थी. यह घटना भारी बारिश और बवंडर के कारण हुई थी.

ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया में भी एनिमल रेन की घटनाएं देखी गई हैं, जहां मेंढक और अन्य जल जीव आसमान से गिरते हैं. यह घटनाएं तूफान के दौरान होती हैं, जब हवाएं इतनी तेज होती हैं कि वे इन जीवों को उड़ाकर दूर तक ले जाती हैं.

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Published: 3 Apr, 2025 | 01:25 PM

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