गुलकंद से अगरबत्ती तक.. गुलाब की खेती बढ़ा रही किसानों की कमाई

गुलाब की खेती किसानों के लिए कमाई का बेहतर विकल्प बनकर उभरी है. गुलाब की पंखुड़ियों से गुलकंद, अगरबत्ती और पान मसाला जैसे उत्पाद बनाए जा रहे हैं. इन उत्पादों के लिए जरूरत बढ़ने पर व्यापारी किसानों से हाथोंहाथ फूल खरीद रहे हैं.

नोएडा | Updated On: 18 May, 2025 | 10:59 AM

गुलाब को यूं ही फूलों का राजा नहीं कहा जाता. इसकी खुशबू, रंगत और उपयोगिता ऐसी है कि यह केवल बाग-बगीचों की शोभा ही नहीं बढ़ाता, बल्कि किसानों के लिए अच्छी कमाई का जरिया भी बन गया है. खास बात यह है कि गुलाब के फूल से ज्यादा उसकी पंखुड़ियां कमाई करवाती हैं, क्योंकि इनका उपयोग कई तरह के उत्पाद बनाने में किया जाता है. जैसे की गुलकंद, अगरबत्ती, पान मसाला और पूजा-पाठ. इन सभी चीजों में गुलाब की पंखुड़ियों की जबरदस्त मांग है. जिस कारण बाजारों में इनकी कीमत भी काफी अधिक रहती है. उत्तर प्रदेश और गुजरात के किसान फूलों की खेती से आर्थिक संकट दूर करने में कामयाब हो रहे हैं.

गुलाब की खेती से लाखों की कमाई

आज के समय में जब पारंपरिक खेती से किसानों की आमदनी बहुत ज्यादा नहीं हो पा रही है, ऐसे में गुलाब की खेती एक बेहतर विकल्प बनकर उभरी है. खासकर देसी गुलाब की मांग ज्यादा है क्योंकि इसकी पंखुड़ियों में खुशबू भी ज्यादा होती है और तेल की मात्रा भी अधिक पाई जाती है. एक बीघा खेत में देसी गुलाब उगाकर किसान 3 से 4 लाख रुपये सालाना कमा सकते हैं, जबकि एक एकड़ में यह मुनाफा 10 से 12 लाख रुपये तक पहुंच सकता है. यानी मेहनत अगर सही दिशा में हो तो मुनाफा भी शानदार होता है.

गुलकंद से होती है अच्छी आमदनी

गुलाब की पंखुड़ियों से गुलकंद बनाकर भी किसान खूब पैसा कमा रहे हैं. गुलकंद की बाजार में अच्छी मांग है और इसकी कीमत 300 से 400 रुपये प्रति किलो तक होता है. यदि किसान महीने में 60 किलो गुलकंद बनाता है तो वह 20 से 25 हजार रुपये की कमाई आराम से कर सकता है. वहीं साल भर में यह मुनाफा 2 से 3 लाख रुपये तक पहुंच जाता है. खास बात ये है कि गुलकंद बनाने के लिए ज्यादा तकनीक या मशीनों की भी जरूरत नहीं होती, थोड़ी सी ट्रेनिंग और साफ-सफाई से ये काम आसानी से किया जा सकता है.

सूखी पंखुड़ियों की भी अच्छी कीमत

कई किसान गुलाब की पंखुड़ियों को सुखाकर भी बेचते हैं. खासकर उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में पान मसाला, अगरबत्ती और हर्बल उत्पाद बनाने वाली कंपनियां इन सूखी पंखुड़ियों को खरीदती हैं. एक किलो सूखी पंखुड़ी के भी अच्छे दाम मिलते हैं, जिससे छोटे किसानों को भी अतिरिक्त आय का जरिया मिल जाता है.

Published: 18 May, 2025 | 10:56 AM