केंद्र और राज्य सरकारें देश के कृषि क्षेत्र के विस्तार के साथ-साथ महिलाओं को भी आगे बढ़ाने के प्रयास में लगातार लगी रहती हैं. सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से महिलाओं को जोड़कर उन्हें आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने की कोशिश की जाती है. इसी कड़ी में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के मौके पर गुजरात के अहमदाबाद में सहकार संवाद के दौरान देश के गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारिता से जुड़कर अपने जीवन स्तर को सुधारने वाली महिलाओं से सीधे बात की. इस दौरान गुजरात के कच्छ से आई मीरलबेन आशाबाई ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस तरह सहकारिता की मदद से उनके इलाके के ऊंट पालकों का जीवन बदल गया है.
360 परिवारों का जीवन बदला
गृह मंत्री अमित शाह से बात करते हुए गुजरात के कच्छ से आई मीरलबेन ने बताया कि देश के सहकारिता विभाग ने उनके इलाके के ऊंट पालकों के जीावन में बड़ा बदलाव किया है. मीरल ने बताया कि सहकारिता विभाग की मदद से कच्छ में बनी सरहद डेयरी में ऊंटनी का दूध जाने लगा है. जिसके कारण न केवल इलाके के ऊंट पालकों को दूध उत्पादन का अच्छा दाम मिल रहा है बल्कि सरहद डेयरी की मदद से सभी लोगों को ऊंटनी का उन्नत क्वालिटी का दूध ऑनलाइन मिल जाता है.
मीरल ने बताया कि सरहद डेयरी एक ऑनलाइन डेयरी है जिसकी मदद से इलाके के सभी परिवारों को ऊंटनी का दूध आसानी से उलब्ध होता है. उन्होंने बताया कि सरहद डेयरी की मदद से कच्छ में ऊंटनी के दूध का उत्पादन करने वाले 360 परिवार हंसी-खुशी रह रहे हैं.

गुजरात के कच्छ में रहने वाली मीरलबेन आशाबाई
ऊंटनी के दूध पर रिसर्च की अपील
गुजरात के कच्छ से आई मीरलबेन आशाबाई ने गृह मंत्री अमित शाह से ऊंटनी के दूध को ट्रायल में भेजने यानी उस पर रिसर्च कराने की अपील की. मीरल की बात का जवाब देते हुए अमित शाह ने बताया कि ऊंटनी के दूध को लेकर देश की 4 आयुर्वेदिक कंपनियां ट्रायल कर रही हैं. यानी इस बात का रिसर्च चल रहा है कि ऊंटनी के दूध में कितने औषधीय गुण हैं जिसके कारण दवाइयां बनाई जा सके. उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार और गुजरात सरकार मिलकर ऊंट पालकों की आय बढ़ाने के लिए योजना लेकर आएगी.
ऊंटों के नस्ल संरक्षण पर जोर
सहकार से संवाद के दौरान अमित शाह ने बताया कि उनके पास ऊंटों के नस्ल संरक्षण को लेकर एक पत्र आया था. जिसके बाद से ही 4 कंपनियां ऊंटनी के दूध पर रिसर्च कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ऊंटनी के दूध पर रिसर्च कर ये पता लगाया जा रहा है कि ऊंटनी के दूध में मौजूद औषधीय गुणों से कितनी सटीक दवाइयां बन सकती हैं.
गृह मंत्री का कहना है कि अगर इस दूध से दवाइयां बन सकती हैं तो ऊंटों की कीमत बढ़ेगी, साथ ही ऊंटनी के दूध की भी कीमत बढ़ेगी. इसके अलावा ऊंट के नस्लों का भी संरक्षण संभव होगा. अमित शाह ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो ऊंट पालकों की आय में भी बढोतरी होगी.