मिर्च की खेती या बागवानी करने वालों के लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात तब होती है, जब हरे-भरे पत्ते अचानक काले पड़ने लगते हैं. ये काले पत्ते केवल पौधे की खूबसूरती ही नहीं बिगाड़ते, बल्कि उत्पादन पर भी असर डालते हैं. लेकिन घबराइए नहीं, अगर आप समय पर पहचान कर सही उपाय करें, तो मिर्च के पौधों को आसानी से ठीक किया जा सकता है.
कालापन क्यों आता है पत्तों में?
मिर्च के पत्तों का काला होना कई वजहों से हो सकता है, फफूंद, पोषक तत्वों की कमी, कीट हमला या ज्यादा पानी देना. इनमें सबसे आम कारण होता है सूटी मोल्ड (Sooty Mold) नामक फफूंद.
सूटी मोल्ड क्या है?
ये एक काली पावडर जैसी फफूंद होती है जो मिर्च के पत्तों पर जम जाती है. यह खुद पौधे को नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन यह पत्तों की धूप लेने की क्षमता (photosynthesis) को घटा देती है, जिससे पौधा कमजोर होने लगता है. ये फफूंद तब आती है जब अफिड्स या सफेद मक्खी जैसे कीट पत्तों पर “हनीड्यू” नाम का चिपचिपा पदार्थ छोड़ते हैं, और फिर उसी पर ये फफूंद पनपती है.
इलाज खा तरीका
मिर्च की खेती में इस समस्या का इलाज दो हिस्सों में होता है पहले कीटों का इलाज करें, नीम का तेल या इनसेक्टिसाइडल साबुन का छिड़काव करें. पत्तों के नीचे की तरफ भी स्प्रे करें क्योंकि कीट वहीं छिपते हैं.
दूसरा फफूंद को हटाएं, एक गीले कपड़े से पत्तों को धीरे-धीरे पोंछें या फिर हल्के पानी के स्प्रे से पत्ते धो दें. ध्यान रखें कि पानी का दबाव ज्यादा न हो, वरना पत्ते टूट सकते हैं.
क्या पोषक तत्व की भी कोई भूमिका है?
हां, अक्सर नाइट्रोजन की कमी से भी पत्तों में कालापन और पीलेपन की समस्या आ जाती है. नाइट्रोजन पौधे की पत्तियों की बढ़त के लिए जरूरी है. ऐसे में आप संतुलित उर्वरक (NPK) का प्रयोग करें जिसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम हो. कम्पोस्ट या गोबर की खाद भी मिट्टी में मिलाएं ताकि पौधे को प्राकृतिक पोषण मिले.
ज्यादा पानी या गलत वातावरण भी है जिम्मेदार
कभी-कभी अधिक सिंचाई से जड़ें गल जाती हैं और पौधा पोषक तत्व नहीं ले पाता. इससे भी पत्ते काले पड़ सकते हैं. इसी तरह, बहुत तेज धूप या बहुत कम रोशनी, दोनों ही मिर्च के लिए नुकसानदायक हैं. पौधे को धीमी और परोक्ष धूप मिलती रहे, इसका ध्यान रखें.