भटकती गायों को अब मिलेगा ठिकाना! करोड़ों की मदद से गौशालाओं में होगा चारा-पानी और इलाज

राजस्थान सरकार ने बेसहारा और बीमार गायों की स्थिति सुधारने के लिए बड़ा कदम उठाया है. प्रशासन की कोशिश है कि गोसेवा को धर्म नहीं, बल्कि समाज की जिम्मेदारी के रूप में निभाया जाए.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 15 Jul, 2025 | 05:50 PM

राजस्थान में अब वो दिन दूर नहीं जब सड़कों पर भटकती बेसहारा गायों को ठिकाना मिलेगा और बीमार गायों को इलाज के लिए तरसना नहीं पड़ेगा. प्रशासन ने गौशालाओं को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. सवाई माधोपुर जिले में आयोजित त्रैमासिक गोपालन समिति की बैठक में यह तय हुआ कि करोड़ों रुपये की सहायता राशि से अब गायों के लिए चारा, पानी, बिजली और इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

गौशालाओं के लिए तय हुई बड़ी रकम

बैठक में जिला प्रशासन ने साफ किया कि जिले की 18 पात्र गौशालाओं को साल 2024-25 के द्वितीय चरण में 150 दिनों के लिए कुल 3.46 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इसके साथ ही अंधी और अपाहिज गायों के लिए तीन महीने की अतिरिक्त सहायता के रूप में 1.24 लाख रुपये और दिए जाएंगे. यह पैसा गौशालाओं में चारा, पानी और इलाज की बेहतर सुविधा के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

चारागाह जमीन होगी अतिक्रमण मुक्त

राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग के मुताबिक, बैठक में जिला अतिरिक्त कलक्टर संजय शर्मा ने कहा कि गोशालाओं के संचालन के लिए जरूरी जमीन का आवंटन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा. उन्होंने निर्देश दिए कि जो चारागाह भूमि अतिक्रमण की चपेट में है, उसे तुरंत मुक्त कराया जाए ताकि गोवंश के लिए सुरक्षित आश्रय सुनिश्चित हो सके. साथ ही, जहां गौशालाएं नहीं हैं वहां लोगों को नई गौशाला खोलने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

बीमार गायों का होगा फ्री इलाज

इस दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि गौशालाओं में रहने वाली बीमार गायों को अब मुफ्त इलाज मिलेगा. पशुपालन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में घूम रहे बेसहारा और बीमार गोवंश की पहचान कर उन्हें नियमानुसार गौशालाओं में स्थानांतरित किया जाए. वहां उन्हें नियमित और निःशुल्क पशु चिकित्सा  सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं. इसके अलावा, जिन क्षेत्रों में अभी तक गौशालाएं नहीं हैं, वहां इच्छुक लोगों को प्रोत्साहित कर नई गौशालाएं खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

सड़कों पर नहीं दिखेंगी बेसहारा गायें

अतिरिक्त जिला कलक्टर ने साफ तौर पर कहा कि नगर क्षेत्र की सड़कों पर बेसहारा गाय  नजर न आएं. इसके लिए ऐसे पशुओं को नजदीकी गौशालाओं में शिफ्ट किया जाएगा. इस काम में नगर निकाय, पशुपालन विभाग और कृषि विभाग मिलकर समन्वय से काम करेंगे. प्रशासन की मंशा है कि गौसेवा को सिर्फ आस्था या धर्म का विषय न मानकर, इसे समाज की साझा जिम्मेदारी के रूप में निभाया जाए.

सरकार का ये फैसला न सिर्फ गोसेवा की दिशा में एक संवेदनशील कदम है, बल्कि समाजहित में एक जरूरी प्रयास भी है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 15 Jul, 2025 | 05:50 PM

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

Side Banner

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.