अब बीमार मवेशियों के इलाज के लिए नहीं करनी होगी दौड़भाग, राजस्थान सरकार ने मोबाइल वैटेरिनरी यूनिट (MVU) सेवा को और स्मार्ट बना दिया है. पशुपालक अब सिर्फ एक कॉल या चैट पर डॉक्टर बुला सकेंगे. हाल में ही राजस्थान के पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने ‘1962–एमवीयू राजस्थान’ योजना के तहत चैटबॉट नंबर और प्रचार सामग्री का लोकार्पण किया. कृषि मंत्री ने दावा किया कि यह नवाचार न सिर्फ राजस्थान के लिए बदलाव लाएगा, बल्कि दूसरे राज्य भी इससे प्रेरणा लेंगे.
पशुपालकों के लिए गेम चेंजर
राजस्थान में पशुपालकों के लिए एक राहतभरी खबर है. अब बीमार मवेशियों के इलाज के लिए भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. राज्य सरकार की पहले से संचालित मोबाइल वैटेरिनरी यूनिट (MVU) योजना को तकनीकी रूप से और मजबूत किया गया है. पशुपालन, डेयरी एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बुधवार को ‘1962–एमवीयू राजस्थान’ योजना के तहत एक नए चैटबॉट नंबर 9063475027 और प्रचार सामग्री का लोकार्पण किया. यह कार्यक्रम राजस्थान स्टेट लाइवस्टॉक मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (RSLMTI) में आयोजित हुआ.
पशुपालकों के लिए संपर्क नंबर
राजस्थान सरकार ने एक और शानदार कदम उठाते हुए ‘1962-एमवीयू राजस्थान’ नामक चैटबॉट शुरू किया है, जिससे पशुपालक अपनी समस्याओं का हल तुरंत पा सकते हैं. इस चैटबॉट का नंबर 9063475027 है और इसके माध्यम से लोग तुरंत वैटरीनी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं. यह एक तरह से डिजिटल कनेक्टिविटी का एक बड़ा कदम है, जो पशुपालन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करेगा. चैटबॉट से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए अब पशुपालकों को कहीं और जाने की जरूरत नहीं, वे घर बैठे अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.
कॉल पर उपलब्ध होंगे डॉक्टर
राज्य में पहले से ही मोबाइल वैटेरिनरी यूनिट के जरिए पशुपालकों को सेवा दी जा रही है, जिसमें 1962 नंबर पर कॉल करके डॉक्टरों की टीम को मौके पर बुलाया जा सकता है. अब इस सेवा को और स्मार्ट बनाया गया है. चैटबॉट की मदद से पशुपालक व्हाट्सएप के ज़रिए भी सेवा ले सकेंगे. जैसे ही चैटबॉट पर अनुरोध आएगा, पास की मोबाइल यूनिट को जानकारी भेज दी जाएगी, जिससे फील्ड में तैनात डॉक्टर तुरंत मौके पर पहुंच सकें.
क्या है इस नई व्यवस्था का उद्देश्य?
राजस्थान सरकार के इस नए कदम का उद्देश्य पशुपालकों को सुविधाजनक और त्वरित सेवाएं प्रदान करना है. पशुपालक अब किसी भी समय अपने पशुओं के इलाज के लिए मोबाइल यूनिट्स और चैटबॉट का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा, यह पहल पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए भी सहायक होगी. राज्य सरकार का मानना है कि इस सेवा से न केवल पशुपालकों की मुश्किलें कम होंगी, बल्कि पशुपालन उद्योग को भी फायदा होगा, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.