आंध्र प्रदेश के किसानों ने PM मोदी पर जताया भरोसा, कहा- अमेरिकी दबाव के खिलाफ मजबूत रुख अपनाएं

अमरावती के किसानों ने पीएम मोदी और सीएम नायडू के नेतृत्व में अमरावती के विकास पर भरोसा जताया है. उन्होंने भूमि पूलिंग योजना में जमीन दी और केंद्र से ग्रांट की उम्मीद जताई. किसानों ने अमेरिकी दबाव के खिलाफ भारत से मजबूत रुख अपनाने की मांग की.

नोएडा | Published: 9 Aug, 2025 | 09:01 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को सरकार की ‘टॉप प्रायोरिटी’ बताने के बाद आंध्र प्रदेश के अमरावती के किसानों ने भी पीएम मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है. किसानों ने अमेरिका की घरेलू कृषि बाजार खोलने की मांग के खिलाफ सरकार से मजबूत रुख अपनाने की अपील की है. अमरावती के एक किसान राममजनेयुलु ने पीएम मोदी का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मोदी को डरा नहीं सकते. उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है. मोदी के नेतृत्व में हमें पूरा भरोसा है कि आंध्र प्रदेश भारत का एक समृद्ध और शानदार राज्य बनेगा.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य किसान सीता रामैया होप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए कहा कि अमरावती के विकास के लिए किसानों ने भूमि पूलिंग योजना के तहत अपनी जमीनें दी थीं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अमरावती और पोलावरम प्रोजेक्ट के लिए राज्य को ग्रांट देने का वादा किया था.

पीएम मोदी और सीएम चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में होगा विकास

उन्होंने कहा कि हमने 6.5 एकड़ जमीन भूमि पूलिंग योजना में दी थी, यह विश्वास करते हुए कि पीएम मोदी और सीएम चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में अमरावती का विकास होगा. हमें बताया गया था कि केंद्र सरकार, वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से अमरावती एक वर्ल्ड क्लास सिटी बनेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी भरोसा दिलाया था कि आंध्र प्रदेश को लोन नहीं, ग्रांट दी जाएगी. सीता रामैया ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की तुलना करते हुए कहा कि जगन अनिश्चित स्वभाव के हैं और दूसरों को डराने की कोशिश करते हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर बरसे किसान

एक किसान ने कहा कि सच कहूं तो ट्रंप हमें हमारे पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी जैसे लगते हैं. अनिश्चित और हमेशा दूसरों को डराने की कोशिश करने वाले. ऐसा लगता है जैसे वो भारत को कंट्रोल करना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि अगर हम रूस से तेल खरीदें तो क्या अमेरिका इजाजत देगा? क्या हमें हमेशा उनकी बात माननी चाहिए? क्या भारत को अमेरिका का नौकर बनकर रहना चाहिए? मोदी को अमेरिका के आगे झुकना नहीं चाहिए. हमें अपनी संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए. अगर मोदी हर बात में अमेरिका की सुनेंगे, तो हमारा देश उनके नीचे दबकर रह जाएगा. दरअसल, गुरुवार को अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के खिलाफ एक संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों की भलाई भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और उनके हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

Published: 9 Aug, 2025 | 09:01 PM