अब बेसहारा गायों को सड़क पर भटकना नहीं पड़ेगा और बीमार पशुओं को इलाज के लिए देर तक इंतजार भी नहीं करना होगा. दराअसल, राजस्थान सरकार गांव-गांव में नंदीशाला खोलने और मोबाइल वेटरनरी वैन से पशुओं का इलाज घर-घर पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है. यह जानकारी पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने उदयपुर में गौशाला संचालकों के साथ बैठक के दौरान दी. इस बैठक में गौशालाओं से जुड़ी कई जरूरी बातें तय की गईं, जिससे प्रदेश में गोसेवा और पशुपालन को मजबूती मिलेगी.
गांव-गांव खुलेंगी नंदीशालाएं
राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग के मुताबिक,बैठक में मंत्री कुमावत ने साफ किया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में नंदीशाला खोलने की योजना पर सरकार गंभीरता से काम कर रही है. इसका मकसद यह है कि बेसहारा गोवंश को गांव से ही सुरक्षित आश्रय मिले और वे सड़क पर भटकते नजर न आएं. इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं कि हर ग्राम पंचायत में जमीन चिन्हित कर जल्द निर्माण शुरू कराया जाए.
मोबाइल वेटरनरी वैन से घर तक इलाज
पशुपालकों को अब इलाज के लिए पशु अस्पताल नहीं दौड़ना पड़ेगा. क्योंकि मोबाइल वेटरनरी वैन अब सीधे गौशाला या पशुपालकों के घर पहुंचेगी. इसके लिए आपको 1962 नंबर पर कॉल करना होगा. इस सेवा का लाभ कोई भी व्यक्ति उठा सकता है. इतना ही नहीं वैन में डॉक्टर, स्टाफ और दवाइयों की पूरी व्यवस्था होगी, वो भी बिल्कुल मुफ्त. बैठक में पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने गौशाला संचालकों से अपील की कि वे मोबाइल वेटरनरी वैन का अधिक से अधिक उपयोग करें.
योजनाओं पर भी रहेगा खास फोकस
बैठक में केंद्र और राज्य सरकार की गौशाला से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की गई. पशुपालन मंत्री ने निर्देश दिए कि गौशालाओं को मिलने वाला फंड समय पर जारी किया जाए. इसके अलावा, मृत पशुओं के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों में आबादी भूमि की व्यवस्था की जाए. साथ ही गौवंश का टीकाकरण जल्द से जल्द पूरा किया जाए और मंगला पशु बीमा योजना की जानकारी हर पशुपालक तक पहुंचे.
गौशाला संचालकों की समस्याओं पर भी हुई बात
इस बैठक में गौशाला संचालकों ने अपनी समस्याएं सामने रखीं, जिन पर मंत्री कुमावत ने तुरंत कार्रवाई का भरोसा दिया. बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर दीपेंद्र सिंह राठौड़, सरस डेयरी के चेयरमैन डालचंद डांगी और पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में साफ संदेश दिया गया कि गोसेवा सिर्फ दया नहीं, सरकार की प्राथमिकता है.