राजस्थान सरकार ने गौशालाओं में जारी एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है. राज्य के गोपालन विभाग ने अपनी तकनीकी व्यवस्था को मजबूत करते हुए 49,314 फर्जी गौवंश टैग पकड़ लिए हैं, जिनके जरिए सरकारी अनुदान का करोड़ों रुपये का दुरुपयोग किया जा रहा था. इस कार्रवाई से सरकार ने करीब 29.58 करोड़ रुपये की राशि की बचत की है.
डेयरी एवं पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने पिछले हप्ते (24 जून को) प्रेस वार्ता में बताया कि विभाग की मोबाइल ऐप को पूरी तरह अपडेट किया गया है, जिसके बाद फर्जी टैगिंग और गलत भुगतान जैसे मामलों पर पूरी तरह से रोक लग गई है. अब भुगतान सिर्फ उन्हीं गौशालाओं को मिलेगा, जिनके पास सत्यापित और असली टैग हैं.
जैसलमेर की 28 गौशालाएं ब्लैकलिस्ट
पशुपासन मंत्री ने बताया कि जांच के दौरान जैसलमेर जिले की 28 गौशालाएं फर्जीवाड़े में शामिल पाई गईं, जिन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. इन संस्थाओं द्वारा गौवंश की संख्या बढ़ाकर फर्जी टैग लगाकर अनुदान लिया जा रहा था. वहीं, अब इन मामलों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को सौंप दी गई है.
ऐप अपग्रेड से बढ़ी पारदर्शिता
गोपालन विभाग की अपडेटेड ऐप के जरिए अब हर गौवंश का यूनिक डिजिटल रिकॉर्ड रखा जा रहा है. इससे न सिर्फ भुगतान प्रणाली में पारदर्शिता आई है, बल्कि फर्जीवाड़े पर भी अंकुश लगा है. इसी टेक्नोलॉजी की मदद से राजस्थान में 49 हजार से ज्यादा फर्जी टैग सामने आए हैं.
बीमा योजना और वेटेनरी सेवाएं भी रफ्तार पर
राज्य सरकार की मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत अब तक 8.95 लाख पशुपालकों के 20.30 लाख पशुओं का बीमा किया जा चुका है. वहीं, 1962 मोबाइल वेटेनरी वैन सेवा के ज़रिए 48 लाख पशुओं का इलाज किया गया है, जिससे 11 लाख से ज्यादा पशुपालकों को सीधा लाभ मिला है.
बकाया 811 करोड़ जल्द मिलेगा
ऐप अपग्रेड के बाद विभाग अब नवंबर 2024 से मार्च 2025 तक के 811 करोड़ रुपये के बकाया अनुदान को भी जारी करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए भौतिक सत्यापन का कार्य पूरा हो चुका है.
नंदीशालाओं को मिला बड़ा बजट
राज्य सरकार ने नंदियों की देखभाल के लिए 109 नंदीशालाओं को मंजूरी दी है, जिनमें से 10 बनकर तैयार हैं और 4708 नंदियों को आश्रय मिल चुका है. इसके लिए सरकार ने 2740 करोड़ रुपये का बजट भी तय किया है.
गलत भुगतान वालों पर सख्त कार्रवाई
इस पूरे मामले पर पशुपालन मंत्री ने साफ कहा कि अब फर्जीवाड़ा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. इसके अलावा सरकरा ने विभागीय स्तर पर जांच तेज कर दी गई है. यही नहीं 8 जिलों में नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं और जिन संस्थाओं ने गलत ढंग से अनुदान उठाया है, उनसे राशि की वसूली की जाएगी.