खेती छोड़ सूअर पालन की ओर बढ़ रहे किसान, ट्रेनिंग लेकर व्यापार से कमा रहे मोटा मुनाफा

सूअर पालन के संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए निदेशक संजय कुमार ने बताया कि सूअर की प्रजातियों को देशी, विदेशी, जंगली और शंकर, इन 4 भागों में बांटा गया है. इनमें सबसे ज्यादा डिमांड और मुनाफा कराने वाली नस्लों में लार्ज व्हाइट यॉर्कशायर है.

विकास जायसवाल
अलवर | Published: 28 Jun, 2025 | 08:35 PM

राजस्थान में खेती में सीमित अवसर के चलते कई किसान अब सूअर पालन की ओर रुख कर रहे हैं. यही कारण है कि पहले जो काम एक जाती एक समाज तक सीमित था अब वो बंधन टूटने लगा है. राजस्थान में सूअर पालन अब एक बड़े व्यवसाय के तौर पर उभरकर सामने रहा है. आज प्रदेश में अन्य वर्ग के लोग भी सूअर पालन के व्यवसाय में उतर रहे हैं. सरकार द्वारा आयोजित सूअर पालन ट्रेनिंग कैंप किसान भाग ले रहे हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि राजस्थान के अलवर जिले में आयोजित ट्रेनिंग कैंप में देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में युवा व किसान सूअर पालन में ट्रेनिंग लेकर इसे व्यवसाय का रूप दे रहे हैं. बता दें कि प्रदेश में अलवर एक मात्र ऐसा जिला है जहां सूअर पालन का ट्रेनिंग केंद्र बना है.

युवाओं में बढ़ रहा सूअर पालन का रूझान

अलवर में सूअर पालन केंद्र से ट्रेनिंग लेकर युवा विदेशों से अच्छी नस्लों वाले सूअरों का पालन कर रहे हैं. खास बात ये है कि युवा इन नस्लों को देश के साथ-साथ विदेश में भी निर्यात कर रहे हैं. पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक संजय कुमार ने ‘किसान इंडिया’ से बातचीत में बताया की इस बार अकेले जून के महीने में आयोजित 2 शिविरों में करीब 60 पशुपालकों औ किसानों को ट्रेनिंग दी गई. जिसमें हिस्सा लेने वाले लोगों में सामान्य और ओबीसी वर्ग के युवाओं की संख्या ज्यादा थी. उन्होंने यह भी बताया कि सूअर पालन की ट्रेनिंग लेने के लिए किसानों को किसी शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं है. हालांकि किसानों के अलावा बीए, एमए, बीटेक, एमटेक और पीएचडी जैसी डिग्री लेवे वाले नौजवान भी ट्रेनिंग के बाद स्वरोजगार शुरु करते हैं और खुद को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाकर दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर खोलते हैं.

Pig Farming

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक संजय कुमार

विदेशों में भी है डिमांड

सूअर पालन के संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए निदेशक संजय कुमार ने बताया कि सूअर की प्रजातियों को देशी, विदेशी, जंगली और शंकर, इन 4 भागों में बांटा गया है. इनमें सबसे ज्यादा डिमांड और मुनाफा कराने वाली नस्लों में लार्ज व्हाइट यॉर्कशायर है. ये नस्ल कम समय में तैयार होती है और देखने में साफ सफेद रंग के सूअर की इस नस्ल के एक सुअर का वजन 300 से 400 किलोग्राम तक होता है. इस नस्ल के सूअरों की डिमांड देश ही नहीं विदेश में भी बहुत रहती है. इसके अलावा हेम्स शायर, लेंड शायर, लैंड रेस, मिडिल यॉर्कशायर जैसी अन्य नस्लें भी हैं जो कि लोकप्रिय हैं. बता दें कि अलवर में करीब 15 से 16 सूअर फार्म हैं जबकि राजस्थान में ये संख्या 300 के पार है.

Pig Farming

सुअर पालन फार्म

सुअर पालन की ओर बढ़ने का कारण

किसान इंडिया से बात करते हुए किसान उपेंद्र जाट और रोहताश ने बताया कि खेती में सीमित संसाधन और पानी की कमी के कारण और साथ ही खेतों की लगातार जुताई के कारण मिट्टी की क्वालिटी में गिरावट आती है. जबकि सूअर पालन में खेती के मुकाबले बहुत कम रिस्क है और फायदा बहुत ज्यादा. राजगढ़ के रहने वाले किसान रोहताश ने बताया कि उनके पास 4 बीघा जमीन है जिसमें वो मूंग, ग्वार व बाजरे की नियमित खेती करते आ रहे हैं. लेकिन कम रिस्क में ज्यादा मुनाफा होने के कारण उन्होंने सूअर पालन की ओर रुख कर लिया है.

Alwar Farmer

किसान रोहताश

किसान उपेन्द्र जाट ने बताया की उनके पास 15 बीघा जमीन है जिसमें वह ग्वार, मूंग व बाजरे की फसल करते है लेकिन अब परंपरागत खेती से ऊपर उठकर अन्य किसानों की तरह सूअर पालन से मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे बड़े स्केल पर सुअर पालन फार्म बना रहे हैं जिसके लिए उन्होंने सूअर पालन कैम्प में ट्रेनिंग भी ली है. उन्होंने बताया कि कैम्प में शामिल होकर उन्हें सूअर की नई किस्मों उनके रख रखाव, वैक्सीनेशन, मेडिकल और प्रदेश सरकार के द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के बारे में बेहतर और सारी जानकारी हासिल की है. लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं. 

Pig Farming

किसान उपेंद्र कुमार जाट

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 28 Jun, 2025 | 08:35 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%