खुशखबरी! बंद पड़ी दुग्ध सहकारी समितियां दोबारा से होंगी शुरू, हजारों किसानों को होगा फायदा

तमिलनाडु के कोयंबटूर में ‘मिशन व्हाइट वेव’ के तहत बंद पड़ी 1,365 दुग्ध सहकारी समितियों को फिर से शुरू करने की पहल की गई है. शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से इन्हें लाभदायक बनाया जाएगा.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 28 Jun, 2025 | 06:48 PM

तमिलनाडु में के कोयंबटूर जिले में डेयरी बिजनेस से जुड़े लोगों और पशुपालकों के लिए खुशखबरी है. दूध और डेयरी विकास विभाग ने ‘मिशन व्हाइट वेव’ प्रोजेक्ट के तहत बंद पड़ी दुग्ध सहकारी समितियों को दोबारा शुरू करने और उन्हें मुनाफे में लाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी की है. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस कदम से हजारों पशुपालकों को फायदा होगा. उनकी माई में बढ़ोतरी होगी.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, डेयरी विकास मंत्री टी. मनो थंगराज ने कोयंबटूर में इस प्रोजेक्ट की पहली ट्रेनिंग वर्कशॉप का उद्घाटन किया. इस मौके पर Aavin और दो प्राइवेट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स रत्नम एजुकेशनल ग्रुप और कुमारगुरु एजुकेशनल ग्रुप के साथ समझौता किया गया. मंत्री ने कहा कि राज्य में 1,365 दूध सहकारी समितियां फिलहाल बंद हैं. इन्हें दोबारा चालू करने के लिए इन दो शिक्षण संस्थानों के MBA स्टूडेंट्स को चुना जाएगा और उन्हें सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली की ट्रेनिंग दी जाएगी.

तमिलनाडु में कुल 9,232 दूध उत्पादक सहकारी समितियां

वर्कशॉप के उद्घाटन के बाद शुक्रवार को प्रेस को संबोधित करते हुए मंत्री टी मनो थंगराज ने कहा कि तीन महीने की अवधि में प्राइवेट शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर बंद या घाटे में चल रही दूध सहकारी समितियों को मुनाफे वाली इकाइयों में बदला जाएगा. मंत्री ने कहा कि अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो इसे पूरे तमिलनाडु में लागू किया जाएगा. इससे दूध उत्पादन, डेयरी उत्पादों की बिक्री और Aavin की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी. साथ ही, विभाग ग्रामीण इलाकों में और अधिक Aavin बिक्री केंद्र खोलने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कुल 9,232 दूध उत्पादक सहकारी समितियां हैं, जिन्हें लाभदायक इकाइयों में बदलने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

साल 2023 में 103.1 लाख टन दूध का उत्पादन

बता दें तमिलनाडु देश के एक प्रमुख दूध उत्पादक राज्य है. साल 2023 में 103.1 लाख टन दूध का उत्पादन हुआ था. जबकि, 2020 में दूध उत्पादन 87.5 लाख टन था. यानी प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता भी 2019-20 में 316 ग्राम थी, जो 2022-23 में बढ़कर 369 ग्राम हो गई है. इससे राज्य के डेयरी विकास विभाग की बेहतर प्रदर्शन को दिखाया जा सकता है. साल 2022-23 में ज़िला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों के कर्मचारियों को 27.60 रुपये लाख की प्रोत्साहन राशि दी गई.

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Published: 28 Jun, 2025 | 12:36 PM

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