बारिश का मौसम आते ही बकरियां बीमार पड़ने लगती हैं. उन्हें निमोनिया, खुरपका-मुंह पका, पेचिश और पीपीआर जैसे खतरनाक रोग होने का खतरा बढ़ जाता है. इन रोगों से ग्रसित होने के चलते कई बार बकरियों की मौत तक हो जाती है. ऐसे में बकरी पालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन थोड़ी सी सावधानी अपनाकर किसान बकरियों को इन रोगों से बचा सकते हैं. इसके लिए उन्हें ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ेगा.
पशु एक्सपर्ट की माने तो बकरियों में रोग प्रतिरोध क्षमता कम होती है. मौसम में बदलाव आने पर वे जल्दी बीमार पड़ती हैं. कई बार तो उन्हें खतरनाक बीमारी होने पर मौत भी हो जाती है. इन गंभीर बीमारियों से राहत पाने के लिए किसानों को बकरियों का टीकाकरण कराना चाहिए. टीकाकरण कराने पर बकरियों को निमोनिया, खुरपका-मुंह पका, पेचिश और पीपीआर जैसे रोगों से बचाया जा सकता है.
बकरियों के होने वाले 5 खतरनाक रोग
पीपीआर: पीपीआर एक खतरनाक बीमारी है जो बकरियों में तेजी से फैलती है. यह एक तरह का प्लेग रोग है. इसलिए इसे बकरियों की महामारी भी कहा जाता है. इस बीमारी में बकरियों को तेज बुखार हो जाता है, मुंह में घाव बन जाते हैं और आंखों व नाक से पानी बहने लगता है.
निमोनिया: निमोनिया बकरियों को भी उसी तरह हो सकता है जैसे इंसानों को होता है. जब बकरी बारिश में ज्यादा भीग जाती है या ठंड लग जाती है, तो उसे सांस लेने में परेशानी होती है. साथ ही खांसी भी आती है. ऐसे में चारा छोड़ देती हैं. यह बीमारी फेफड़ों से जुड़ी होती है.
चेचक: चेचक बारिश के मौसम में बकरियों को अक्सर हो जाती है. इस बीमारी में बकरी के शरीर पर लाल रंग के गोल दाने निकल आते हैं, जो बाद में फफोले बनकर फूट जाते हैं. इससे घाव बन जाते हैं और बकरी कमजोर हो जाती है.
पेचिश: पेचिश बकरियों में भी इंसानों की तरह हो जाती है. इस बीमारी में बकरी को पानी जैसी पतली और बदबूदार दस्त होने लगती है, जिनमें कभी-कभी खून भी आ सकता है. साथ ही, उन्हें बहुत प्यास लगती है और शरीर कमजोर होने लगता है.
खुरपका-मुंह: खुरपका-मुंह पका एक आम बीमारी है जो बकरियों को बारिश के मौसम में होती है. इसमें उनके मुंह और खुरों पर छाले पड़ जाते हैं. मुंह से लार टपकने लगती है और छाले फूटने पर घाव बन जाते हैं, जिससे जानवर को चलने और खाना खाने में तकलीफ होती है.
रोग से बचावे के लिए करें ये उपाय
पशु चिकित्सकों का कहना है कि बरसात के मौसम में बकरियों को इन खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है. इसके लिए सभी राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर टीकाकरण अभियान भी चलाया जाता है. पशुपालक अपने नजदीकी पशु अस्पताल में जाकर अपने जानवरों को फ्री में टीका लगवा सकते हैं. साथ ही बकरियों को हमेशा साफ, ताजा और पौष्टिक चारा दें, जिससे वे स्वस्थ और मजबूत बनी रहें.