अमूल ने पार किया ₹90,000 करोड़ का आंकड़ा, जानिए कैसे होती है अमूल की इतनी कमाई

आज अमूल के दूध और दूध से बने प्रोडक्ट 50 से ज्यादा देशों में भेजे जा रहे हैं. इतना ही नहीं, यह संस्था गुजरात के करीब 18,600 गांवों में काम कर रही है और इससे 36 लाख से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 24 Apr, 2025 | 01:02 PM

भारत की मशहूर डेयरी कंपनी अमूल ने एक और बड़ी उपलब्धि की ओर कदम बढ़ा दिया है. कंपनी का लक्ष्य है कि वह वित्त वर्ष 2026 तक ₹1 ट्रिलियन यानी 1 लाख करोड़ रुपये की ब्रांड वैल्यू हासिल करे. इस दिशा में अमूल ने बड़ी छलांग लगाई है, जिसके बाद वित्त वर्ष 2025 में अमूल का कारोबार ₹90,000 करोड़ तक पहुंच गया. पिछले साल यानी 2024 की बात करें तो ये आंकड़ा ₹80,000 करोड़ था.

क्यों हो रही है इतनी तेज बढ़त?

अमूल के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता के अनुसार, कंपनी की सभी कैटेगरी में जबरदस्त डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिली है. उन्होंने बताया कि गर्मियों के मौसम में आइसक्रीम और मिल्कशेक जैसे प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ी है, जिससे शुरुआत से ही कंपनी की ग्रोथ शानदार रही है.

गुजरात से निकलकर अमेरिका तक

गुजरात की सहकारी संस्था GCMMF (गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन), जो अमूल का संचालन करती है, ने इस साल करीब ₹66,000 करोड़ का राजस्व कमाया है. हालांकि, GCMMF का आंकड़ा अमूल के कुल कारोबार से थोड़ा कम होता है क्योंकि कुछ डेयरियां जैसे वलसाड, सूरत और राजकोट की डेयरियां अपना प्रोडक्ट अमूल ब्रांड में बेचती हैं, लेकिन ये डाटा सीधे GCMMF में शामिल नहीं होता.

इसके साथ ही अब अमूल ने अमेरिका में भी ताजा दूध बेचने की शुरूआत कर दी है. इसके लिए अमूल ने मिशिगन की Michigan Milk Producers Association (MMPA) के साथ साझेदारी की है. इस साझेदारी में MMPA दूध को इकट्ठा करेगा ले लेकर प्रोसेस करने तक का काम करेगा, जबकि अमूल उस दूध की मार्केटिंग और ब्रांडिंग का जिम्मा संभालेगा.

अब सिर्फ दूध ही नहीं, फूड ब्रांड बनने की दिशा में

अमूल अब सिर्फ डेयरी तक सीमित नहीं है. कंपनी अब धीरे-धीरे एक संपूर्ण फूड ब्रांड बनने की ओर बढ़ रही है. हाल ही में अमूल ने ऑर्गेनिक दालें, गेहूं का आटा, बासमती चावल और मसाले भी लॉन्च किए हैं, जिससे उसकी पहचान और मजबूत हो रही है.

दुनिया का सबसे बड़ा दही प्लांट

अमूल ब्रांड से जुड़ी गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (GCMMF) जल्द ही कोलकाता में दुनिया का सबसे बड़ा दही बनाने वाला प्लांट लगाने जा रही है. इस प्लांट के लिए कंपनी ने 600 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस प्लांट की खास बात है कि ये न सिर्फ केवल दही उत्पादन में बड़ा होगा, बल्कि आधुनिक तकनीक से लैस भी होगा.

50 से ज्यादा देशों में पहुंचा अमूल

आज अमूल के दूध और दूध से बने उत्पाद 50 से ज्यादा देशों में भेजे जा रहे हैं. इसका सफर साल 1973 में शुरू हुआ था, जब मशहूर शख्सियत वर्गीज कुरियन की अगुवाई में गुजरात की 6 डेयरी समितियां एक साथ आईं और मिलकर गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) की शुरुआत की. आज यह संस्था गुजरात के करीब 18,600 गांवों में काम कर रही है और इससे 36 लाख से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं.

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