Poultry Farming Tips: पोल्ट्री फार्म में ये चीज रखी गीली तो समझिए खत्म हो गया पूरा बिजनेस

अगर आप पोल्ट्री फार्मिंग से मुनाफा कमाना चाहते हैं तो मुर्गियों की बिछावन यानी लेटर को गीला नहीं रहना चाहिए, नहीं तो आपका पूरा पोल्ट्री बिजनेस खतरे में पड़ सकता है.

नोएडा | Updated On: 29 Jun, 2025 | 06:31 PM

अगर आप पोल्ट्री फार्मिंग से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो मुर्गियों की बिछावन पर जरूर ध्यान दें . क्योंकि फार्म चाहे छोटा हो या बड़ा, अगर बिछावन गीली रह गई तो समझिए आपका पूरा बिजनेस खतरे में है. गीली और गंदी बिछावन से मुर्गियों में तेजी से बीमारियां फैलती हैं, जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है और कई बार चूजे मर भी जाते हैं. एक छोटी सी लापरवाही फार्म को तबाह कर सकती है.

बिछावन की नमी बन सकती है बीमारी की जड़

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पोल्ट्री फार्म में बिछावन यानी लेटर मुर्गियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अहम होता है. अगर यह गीला या सड़ा हुआ हो जाए तो उसमें बैक्टीरिया और परजीवी पनपने लगते हैं. खासकर, काक्सिडियोसिस जैसी बीमारी इसी से फैलती है, जो चूजों के पाचन तंत्र को प्रभावित करती है. इससे चूजे कमजोर हो जाते हैं, उनका वजन बढ़ना रुक जाता है और मृत्यु दर तक बढ़ जाती है. ऐसे में एक बार अगर फार्म में यह बीमारी फैल गई तो रोकना मुश्किल हो जाता है.

गीली बिछावन से कैसे बचें

  • अगर बिछावन में नमी आ गई है तो उस पर तुरंत 2-3 इंच सूखी रेत या चूना छिड़कना चाहिए.
  • जहां बिछावन बहुत ज्यादा गीली या सख्त हो गई हो, वहां की मिट्टी को तुरंत निकाल देना चाहिए.
  • फार्म में हर दिन वेंटिलेशन (हवा का आना-जाना) बना रहे, ताकि नमी जमा न हो.
  • बारिश या नमी के दिनों में मुर्गियों के चारे और पानी के बर्तन को ऐसी जगह रखें, जहां गिरने या फैलने से बिछावन गीली न हो.

स्पेस की कमी भी बढ़ा सकती है खतरा

अगर फार्म में मुर्गियों को चलने-फिरने की जगह कम होगी तो वे एक ही स्थान पर ज्यादा देर रहेंगी, जिससे बिछावन जल्दी गीली और गंदी हो जाती है. इसलिए ध्यान रखें कि हर एक मुर्गी को कम से कम आधा वर्ग फीट जगह मिले. इससे न सिर्फ मुर्गियों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा बल्कि उत्पादन भी अच्छा होगा.

नियमित सफाई से बचेगा नुकसान

हर सप्ताह फार्म की सफाई करें और बिछावन को पलटते रहें, ताकि वह सूखी और साफ बनी रहे. जितना ज्यादा ध्यान बिछावन की सफाई पर देंगे, उतना ही कम खतरा रहेगा बीमारियों का.

Published: 29 Jun, 2025 | 07:20 PM