Lily Farming: सितंबर में करें लिली की खेती, एक एकड़ में होगी लाखों रुपये की कमाई

लिली का फूल न केवल सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि इसका प्रयोग पूजा-पाठ में भी होता है. ऐसे लिली के बल्ब नमी और ठंडी जलवायु  में जल्दी अंकुरित होते हैं और इस समय पौधों का भी विकास तेजी से होता है.

नोएडा | Updated On: 13 Sep, 2025 | 06:15 PM

घर की सजावट हो या पूजा-पाठ, भारतीय संस्कृति में फूलों का बहुत ज्यादा महत्व है. बाजार में भी हर समय फूलों की भारी मांग रहती है, जिसके चलते किसान भी आज के समय में बड़े पैमाने पर फूलों की खेती करने लगे हैं. ऐसे ही कुछ फूल हैं जिनकी खेती के लिए सितंबर का महीना बेस्ट है. इन्हीं फूलों में से एक है लिली (Lily) का फूल. लिली का फूल न केवल सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि अपने प्राकृतिक ‘एयर फ्रेशनर’ जैसे गुणों के चलते घर, होटल, मंदिर और इवेंट डेकोरेशन में भी इसका खूब प्रयोग होता है. ऐसे में अगर किसान सही तरह से सितंबर के महीने में इसकी खेती करें तो उन्हें अच्छा फायदा हो सकता है. बता दें कि लिली की मांग केवल भारतीय बाजारों में भी नहीं बल्कि विदेशी बाजारों में भी इसकी खूब रहती है.

खेती के लिए सितंबर का महीना है बेस्ट

लिली के बल्ब नमी और ठंडी जलवायु  में जल्दी अंकुरित होते हैं और इस समय पौधों का भी विकास तेजी से होता है. इसके चलते लिली की खेती के लिए सितंबर का महीना बेस्ट माना जाता है, क्योंकि इन दिनों मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में नमी होती है और मौसम भी ठंडा होने लगता है. लिली की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सही मानी जाती है, जिसका pH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए. ध्यान रखने वाली बात है कि इसकी खेती के लिए धूप वाली जगह का चुनाव करें और खेत की अच्छे से 2 से 3 बार गहरी जुताई  करें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो सके. ऐसा करने से मिट्टी की ऊपरी परत ढीली हो जाएगी और मिट्टी के अंदर बल्ब को जड़ें फैलाने में आसानी होगी.

इस विधि से करें बल्ब की बुवाई

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रति एकड़ फसल के लिए औसतन लिली के 12 हजार से 15 हजार बल्बों की जरूरत होती है.  इन बल्बों को मिट्टी में 5 से 7 सेंटीमीटर गहराई में बोया जाता है. किसानों को सलाह दी जाती है कि बल्बों के बीच की दूरी कम से कम 15 से 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए. इस बात का खास खयाल रखें कि खेत में जैविक खाद का इस्तेमाल जरूर करें, ताकि पौधों का विकास अच्छे से हो और उन्हें भरपूर मात्रा में पोषण मिल सके. इसके बाद हर 7 से 10 दिन में खेत की सिंचाई करें, लेकिन ध्यान रहे कि खेत में जलभराव न हो. जलभराव की स्थिति में पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं और आगे जाकर नष्ट हो सकते हैं.

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लिली के फूलों में है प्राकृतिक एयर फ्रेशनर (Photo Credit- Canva)

किसानों को कितना होता है मुनाफा

लिली के एक बल्ब से एक से ज्यादा फूल निकलते हैं. इस हिसाब से लिली की प्रति एकड़ फसल से किसान लगभग 80 हजार से 1 लाख तक फूल ले सकते हैं. बात करें बाजार में इन फूलों की कीमत की तो मांग के हिसाब से बाजार में एक फूल की कीमत 5 रुपये से 20 रुपये तक हो सकती है. यानी अगर कोई किसान 90 हजार लिली के फूल उगा रहा है और बाजार में एक फूल की औसतन कीमत 15 रुपये है तो किसान को प्रति एकड़ फसल से किसान 13 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.

Published: 13 Sep, 2025 | 06:14 PM