ऑर्गेनिक फार्मिंग से बढ़ाएं मिट्टी की उर्वरा शक्ति, जान लें जैविक खाद के इस्तेमाल का सही तरीका

ऑर्गेनिक फार्मिंग या जैविक खेती से होने वाले फायदों की बात करें तो इसका सबसे बड़ा फायदा है कि मिट्टी की उर्वरक क्षमता में सुधार आता है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 11 Aug, 2025 | 11:30 PM

फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है कि मिट्टी को सही खाद देकर उसकी उर्वरता बढ़ाई जाए. आज बाजार में बहुत से केमिकल खाद और उर्वरक उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल किसान अपनी फसलों पर करते हैं. किसानों को बेशक इन खादों के इस्तेमाल से फायदा होता है लेकिन इनका अंधाधुंध इस्तेमाल करना किसानों के लिए आगे जाकर हानिकारक साबित होता है. साथ ही पर्यावरण के लिहाज से भी इसका इस्तेमाल करना सही नहीं होता है. यही कारण है कि किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming) करने की सलाह दी जा रही है. सरकार की ओर से भी लगातार जैविक खेती को प्रमोट किया जा रहा है. किसान भी अब धीरे-धारे केमिकल फ्री खेती की तरफ अपना रुख कर रहे हैं. ऐसे में किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे ऑर्गेनिक फार्मिंग से जुड़ी सारी छोटी-बड़ी खास बातों का खयाल रखें.

क्या है ऑर्गेनिक फार्मिंग

ऑर्गेनिक फार्मिंग यानी जैविक खेती जो कि पूरी तरह से केमिकल फ्री होती है. इस खेती में किसान अपनी फसलों को जैविक तरीके से यानी घरेलू तरीकों से तैयार की गई खाद की मदद से पोषण देते हैं. ऑर्गेनिक फार्मिंग में डीएपी-यूरिया जैसी खादों की बजाय गोबर की सड़ी हुई खाद या फिर वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल किया जाता है. वर्मी कंपोस्ट यानी केंचुआ खाद. इसके अलावा आप जीवामृत का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें कि, जीवामृत एक लिक्विड जैविक खाद है जो गोबर, गौमूत्र, गुड़ का पानी और बेसन को मिलाकर तैयार किया गया घोल होता है.वहीं कीटों के रोकथाम के लिए केमिकल कीटनाशकों की जगह फसलों पर नीम की पत्तियों को उबालकर तैयार किया गया लिक्विड छिड़का जाता है.

खाद डालने का सही तरीका

ऑर्गेनिक फार्मिंग करने वाले किसानों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि वे अपनी फसलों पर जैविक खाद का इस्तेमाल कब और कितना करना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर आप पहली बार ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू करने जा रहे हैं तो एक एकड़ के खेत में कम से कम 10 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट बुवाई से पहले डालें. इसके बाद फसल को पहला पानी देने के समय 5 क्विंटल खाद दें.जरूरत पड़े तो 2 क्विंटल खाद फसल में बालियां आने के पहले दे सकते हैं. एक बार ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू कर दी तो अगले साल से बुवाई के पहले लगभग 7 क्विंटल खाद, पहली सिंचाई के बाद उसका आधा 3.5 क्विंटल खाद देनी चाहिए. वहीं जीवामृत की बात करें तो एक एकड़ खेत की सिंचाई में लगभग 200 लीटर जीवामृत दिया जाता है.

क्या हैं जैविक खेती के फायदे

ऑर्गेनिक फार्मिंग या जैविक खेती से होने वाले फायदों की बात करें तो इसका सबसे बड़ा फायदा है कि मिट्टी की उर्रवरक क्षमता में सुधार आता है. वर्मी कंपोस्ट और जीवामृत के इस्तेमाल से मिट्टी में हेल्दी बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं जिससे मिट्टी भुरभुरी और अच्छी जलधारण वाली बन जाती है. जैविक खेती से मिलने वाले उत्पाद केमिकल खेती की बजाय अधिक फायदेमंद होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं.

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Published: 11 Aug, 2025 | 11:30 PM

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