डीएपी-यूरिया की असली-नकली पहचान के घरेलू तरीके, ऐसे करें मिलावट की जांच

डीएपी और यूरिया में मिलावट की पहचान करना मुश्किल नहीं है, कुछ आसान घरेलू तरीकों से असली-नकली खाद की जांच करें और नुकसान से बचें.

नोएडा | Published: 12 Jun, 2025 | 04:17 PM

किसानों के लिए अच्छी फसल के लिए शुद्ध खाद का इस्तेमाल बेहद जरूरी होता है. लेकिन बाजार में मिलावटखोरों की वजह से नकली खाद भी बेची जा रही है. खासकर डीएपी और यूरिया में मिलावट का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे में किसान अगर कुछ घरेलू तरीकों से ही खाद की शुद्धता जांच लें तो नुकसान से बच सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग ने डीएपी और यूरिया की असली-नकली पहचान के आसान तरीके बताए हैं.

तम्बाकू स्टाइल से जांचें डीएपी की शुद्धता

डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की पहचान करने का एक घरेलू तरीका बहुत आसान है. किसान भाइयों को इसके कुछ दानों को हाथ में लेकर तम्बाकू की तरह चूना मिलाकर मलना होता है. अगर इस प्रक्रिया के दौरान इसमें से इतनी तेज गंध निकले कि उसे सूंघना भी मुश्किल हो जाए, तो समझ लें कि डीएपी असली है. यह गंध अमोनिया गैस की होती है, जो केवल शुद्ध डीएपी में ही निकलती है. नकली या मिलावटी डीएपी में यह गंध नहीं आती.

तवे पर गर्म करने से भी पकड़ें मिलावट

डीएपी की शुद्धता जांचने का दूसरा तरीका है तवे पर धीमी आंच में गर्म करना. इसके लिए कुछ दानों को तवे पर डालकर धीरे-धीरे गर्म करें. अगर दाने फूलने लगें तो डीएपी असली है. क्योंकि नकली डीएपी में ये दाने नहीं फूलते.
इसके अलावा, असली डीएपी के दाने भूरे, काले या बादामी रंग के होते हैं और ये कठोर होते हैं. इतना ही नहीं इन्हें नाखून से तोड़ना आसान भी नहीं होता. अगर दाने नरम हों या रंग में अंतर हो तो मिलावट की आशंका होती है.

यूरिया की पहचान ऐसे करें

यूरिया की असली पहचान उसके सफेद, चमकदार और लगभग एक समान आकार के कड़े दानों से होती है. असली यूरिया पानी में डालने पर पूरी तरह घुल जाता है. घोल को छूने पर हल्की ठंडक महसूस होती है, जो इसकी शुद्धता का संकेत है. यदि किसान यूरिया को तवे पर गर्म करें तो असली यूरिया के दाने धीरे-धीरे पिघल जाते हैं और तेज आंच देने पर पूरी तरह उड़ जाते हैं. अगर कोई अवशेष बच जाए तो उसमें मिलावट होने की आशंका हो सकती है.

मिलावट से कैसे बचें

खाद खरीदते समय केवल लाइसेंसशुदा और विश्वसनीय दुकानदार से ही उर्वरक लें. खाद का बैग ठीक से बंद हो, ब्रांड व बैच नंबर स्पष्ट लिखा हो और सील टूटी न हो. इसके अलावा, खरीद के समय बिल अवश्य लें ताकि शिकायत की स्थिति में प्रमाण मौजूद हो. सरकार भी मिलावट पर सख्ती से नजर रख रही है लेकिन किसानों की सतर्कता सबसे जरूरी है. घरेलू जांच के ये छोटे-छोटे उपाय किसानों को नकली खाद से बचा सकते हैं.