तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर राज्य के आम किसानों की मदद की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस साल आम की अधिक पैदावार के चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है और बाजार में कीमतें काफी गिर गई हैं. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि आम की खरीद में FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए और आम पल्प पर लगने वाला जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाए.
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री कृषि योजना (PM-AASHA ) के तहत मार्केट इंटरवेंशन स्कीम लागू करने की मांग की है. स्टालिन ने कहा कि इस बार आम की पैदावार ज्यादा होने के कारण प्रोसेसिंग के लिए किसानों को मिलने वाली कीमत 5 रुपये प्रति किलो तक गिर गई है, जिससे आम उत्पादक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ऐसे तमिलनाडु में लगभग 1.46 लाख हेक्टेयर में आम की खेती होती है और इस साल करीब 9.49 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की
वहीं, तमिलनाडु के खाद्य मंत्री आर. सक्करापानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की. उन्होंने राज्य के आम किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री कृषि योजना के तहत मार्केट इंटरवेंशन स्कीम लागू करने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का पत्र सौंपा, जिसमें आम की कीमतों में भारी गिरावट से प्रभावित किसानों की स्थिति पर चिंता जताई गई थी. प्रतिनिधिमंडल में डीएमके सांसद कनिमोझी भी मौजूद थी.
आम की कीमत में गिरावट
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए खाद्य मंत्री आर. सक्करापानी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (MIS) लागू करने और खाद्य विभाग की लंबित सब्सिडी जारी करने सहित कई मांगें केंद्र सरकार के सामने रखीं. उन्होंने कहा कि इस सीजन आम की पल्प के लिए खरीद मूल्य में 5 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.