Darjeeling Tea: दार्जिलिंग की पहाड़ियों में हाल में हुई लगातार भारी बारिश ने एक बार फिर पहाड़ों की कमजोरी दिखा दी. पिछले कई सालों से आर्थिक संकट से जूझ रही दार्जिलिंग की चाय उद्योग अब प्राकृतिक आपदा की मार झेल रही है. अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने न केवल हजारों चाय के पौधों को बहा दिया, बल्कि कई बगानों को पूरी तरह तबाह कर दिया. इस आपदा ने चाय उत्पादकों और कर्मचारियों दोनों की जिंदगी प्रभावित कर दी है.
प्रीमियम ऑटम क्रॉप, जो सालाना उत्पादन का लगभग 15-20 प्रतिशत है, पूरी तरह नष्ट हो गई है. इस कारण दार्जिलिंग चाय की आपूर्ति और कीमतों पर गंभीर असर पड़ने की संभावना है.
भूस्खलन और बाढ़ का भयावह मंजर
बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, दार्जिलिंग में अचानक आई बाढ़ ने कई इलाकों में कहर बरपा दिया. भूस्खलन से सड़कों और पुलों को भी नुकसान पहुंचा, जिससे परिवहन और आपूर्ति का संकट बढ़ गया. स्थानीय लोगों और चाय बगानों के कर्मचारियों की जान-माल दोनों को खतरा हुआ. उत्तर बंगाल में इस बाढ़ और भूस्खलन में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 23 लोग दार्जिलिंग जिले में 4 और 5 अक्टूबर को भूस्खलन में मारे गए.
चाय उद्योग के प्रमुख अशोक कुमार लोहिया ने बताया, “लगभग 75-80 प्रतिशत चाय बगान प्रभावित हुए हैं. हमारे 14 बगानों में तीन कर्मचारियों की मौत हुई और कई हजार चाय के पौधे बह गए.” उन्होंने कहा कि इस बार की आपदा की तीव्रता 1968 के भूकंप के बराबर है.
उत्पादन और भविष्य पर असर
चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में दार्जिलिंग का उत्पादन 5.60 मिलियन किलोग्राम रहा, जबकि 2023 में यह 6.01 मिलियन किलोग्राम था. बगारिया ग्रुप के चेयरमैन एस.एस. बगारिया ने कहा, “हमने लगभग आधा मिलियन किलोग्राम चाय खो दी है. पुराने पौधों के बह जाने से लंबी अवधि में भी उत्पादन प्रभावित होगा. नए पौधों की पैदावार शुरू में कम होती है और पांच साल बाद यह सामान्य होती है.”
इस आपदा के कारण न केवल उत्पादन कम हुआ है, बल्कि चाय की गुणवत्ता और प्रीमियम ऑटम क्रॉप की कमी से दुनिया भर में दार्जिलिंग चाय की कीमतें बढ़ने की संभावना है.
चाय की आपूर्ति पर बड़ा संकट
भूस्खलन और बाढ़ ने परिवहन के लिए रास्ते अवरुद्ध कर दिए हैं. कोलकाता नीलामी केंद्र, जो दार्जिलिंग चाय का एकमात्र विक्रय केंद्र है, के पास केवल तीन आगामी नीलामियों के लिए चाय का स्टॉक उपलब्ध है. कल्याण सुंदरम, सचिव, कोलकाता टी ट्रेडर्स एसोसिएशन ने बताया, “अक्टूबर की नीलामी 9 अक्टूबर को हो रही है. 14 और 24 अक्टूबर की नीलामी के लिए स्टॉक है, लेकिन उसके बाद की आपूर्ति का समय अनिश्चित है.”
स्थानीय लोगों और किसानों की मुश्किलें
चाय बगानों में काम करने वाले मजदूरों और स्थानीय लोगों के लिए स्थिति बेहद गंभीर है. कई इलाकों में सड़कें बह गईं, बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हुई. किसानों को अपने बचे हुए पौधों और फसलों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़ रहे हैं.