क्रिसमस से पहले बर्ड फ्लू की दस्तक, कई इलाकों में मुर्गी और बटेर पाए गए संक्रमित

पिछले सप्ताह पक्षियों की अचानक मौत और बीमारी के संकेत मिलने के बाद विभाग ने सैंपल इकट्ठा कर भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भेजे थे. रिपोर्ट में अत्यधिक संक्रामक एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस की पुष्टि हुई. इसके बाद राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गए हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 24 Dec, 2025 | 08:06 AM
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केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लुएंजा) की पुष्टि ने पोल्ट्री किसानों की चिंता बढ़ा दी है. खास बात यह है कि यह संक्रमण ऐसे समय सामने आया है, जब क्रिसमस और नए साल के चलते चिकन और अंडों की मांग तेजी से बढ़ने वाली होती है. ऐसे में बीमारी की खबर ने न सिर्फ किसानों बल्कि व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच भी बेचैनी पैदा कर दी है.

किन इलाकों में फैला संक्रमण

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार, पशुपालन विभाग की जांच में अलप्पुझा जिले की आठ पंचायतों के एक-एक वार्ड और कोट्टायम जिले के चार गांवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. अलप्पुझा में नेदुमुडी, चेरुथाना, करुवट्टा, कार्तिकप्पल्ली, अंबलप्पुझा साउथ, पुन्नप्रा साउथ, ठकाझी और पुरक्कड़ इलाकों से मामले सामने आए हैं. यहां नेदुमुडी में मुर्गियों में संक्रमण पाया गया, जबकि बाकी क्षेत्रों में बत्तखें प्रभावित हुई हैं. वहीं कोट्टायम जिले के कुरुप्पंथारा, मंजूर, कल्लुपुरक्कल और वेलूर गांवों में बटेर और मुर्गियों में वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.

जांच और पुष्टि कैसे हुई

पिछले सप्ताह पक्षियों की अचानक मौत और बीमारी के संकेत मिलने के बाद विभाग ने सैंपल इकट्ठा कर भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भेजे थे. रिपोर्ट में अत्यधिक संक्रामक एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस की पुष्टि हुई. इसके बाद राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गए हैं और संक्रमण की गंभीरता का आकलन किया जा रहा है.

किसानों की बढ़ी मुश्किल

केरल में पोल्ट्री किसान पहले ही बढ़ती लागत और कम मुनाफे से जूझ रहे हैं. ऐसे में बर्ड फ्लू की खबर ने चिंता और बढ़ा दी है. खासतौर पर ब्रॉयलर चिकन और बत्तख पालन करने वाले किसान ज्यादा परेशान हैं. कुट्टनाड जैसे इलाकों में खुले में बत्तख पालने की परंपरा है, जिससे पक्षी प्रवासी पक्षियों के संपर्क में आते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. पिछले कुछ वर्षों में बर्ड फ्लू के कारण यहां टिकाऊ बत्तख पालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

क्या चिकन खाना सुरक्षित है?

राज्य के पशुपालन मंत्री ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल पोल्ट्री मांस के सेवन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. सरकार का कहना है कि सही तरीके से पका हुआ चिकन या अंडे खाने से संक्रमण का खतरा नहीं होता. हालांकि, लोगों को साफ-सफाई और पूरी तरह पकाने की सलाह दी गई है.

संक्रमण फैलने की वजह

विशेषज्ञों के अनुसार इस बार भी संक्रमण का मुख्य कारण प्रवासी पक्षी माने जा रहे हैं. सर्दियों के मौसम में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी केरल के जल क्षेत्रों में आते हैं और उनके संपर्क में आने से घरेलू पक्षियों में वायरस फैलने की आशंका रहती है. पिछले साल भी अलप्पुझा, कोट्टायम और पथनमथिट्टा जिलों में इसी तरह के मामले सामने आए थे.

सरकार की तैयारी और सख्ती

प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों के 10 किलोमीटर के दायरे में पोल्ट्री पक्षियों की आवाजाही पर रोक लगाने का फैसला किया है. केंद्र सरकार की 2021 की गाइडलाइंस के अनुसार संक्रमित इलाकों में पक्षियों को नष्ट करने, निगरानी बढ़ाने और सैनिटाइजेशन जैसे कदम उठाए जाएंगे. आसपास के स्थानीय निकायों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.

हालांकि पोल्ट्री उद्योग से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि असर सीमित इलाकों तक ही रहेगा और लंबे समय तक कारोबार ठप होने की आशंका नहीं है, लेकिन किसान फिलहाल डरे हुए हैं. आने वाले दिनों में हालात पर कड़ी नजर रखी जाएगी. यदि समय रहते संक्रमण को काबू में कर लिया गया, तो त्योहारों के मौसम में पोल्ट्री कारोबार को बड़े नुकसान से बचाया जा सकता है.

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