हरे या अंकुरित आलू सेहत के लिए खतरनाक, इन संकेतों को न करें नजरअंदाज

जब आलू को लंबे समय तक रोशनी, गर्मी या नमी वाली जगह पर रखा जाता है, तो उसके अंदर एक प्राकृतिक रसायन बनने लगता है. इस रसायन को ग्लाइकोएल्कलॉइड कहा जाता है. इसमें सबसे खतरनाक तत्व सोलनिन और चाकोनिन होते हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 19 Dec, 2025 | 01:17 PM

potato side effects: आलू हमारी रसोई की सबसे आम और भरोसेमंद सब्जी मानी जाती है. सुबह के पराठे हों, दोपहर की सब्जी हो या रात का झटपट स्नैक आलू हर रूप में इस्तेमाल होता है. यही वजह है कि ज्यादातर घरों में आलू हमेशा स्टॉक में रखे जाते हैं. लेकिन कई बार लंबे समय तक रखे रहने पर आलू हरे हो जाते हैं या उनमें छोटे-छोटे अंकुर निकल आते हैं. ऐसे में अक्सर लोग उन्हें देखकर भी नजरअंदाज कर देते हैं और पकाकर खा लेते हैं. यहीं से सेहत पर खतरा शुरू हो जाता है. बहुत कम लोग जानते हैं कि अंकुरित या हरे आलू खाना गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है और कुछ मामलों में अस्पताल तक पहुंचा सकता है.

अंकुरित और हरे आलू में क्या बदल जाता है?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जब आलू को लंबे समय तक रोशनी, गर्मी या नमी वाली जगह पर रखा जाता है, तो उसके अंदर एक प्राकृतिक रसायन बनने लगता है. इस रसायन को ग्लाइकोएल्कलॉइड कहा जाता है. इसमें सबसे खतरनाक तत्व सोलनिन और चाकोनिन होते हैं. जैसे-जैसे आलू हरा पड़ता है या उसमें अंकुर निकलते हैं, वैसे-वैसे इन जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ती जाती है. यही कारण है कि बाहर से देखने में मामूली बदलाव वाला आलू अंदर से शरीर के लिए जहर बन सकता है.

शरीर पर कैसे असर डालता है सोलनिन?

अगर कोई व्यक्ति गलती से अंकुरित या हरे आलू का सेवन कर लेता है, तो कुछ ही घंटों में इसके दुष्प्रभाव दिखने लगते हैं. शुरुआत पेट में जलन और भारीपन से होती है. इसके बाद उल्टी, मतली और तेज पेट दर्द की शिकायत हो सकती है. कई लोगों को चक्कर आना, सिरदर्द और कमजोरी महसूस होती है. गंभीर मामलों में दस्त, बुखार और नर्वस सिस्टम पर असर भी देखा गया है. बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों में इसका असर और ज्यादा खतरनाक हो सकता है.

क्या पकाने से जहर खत्म हो जाता है?

अक्सर लोगों को लगता है कि अच्छी तरह उबालने या तलने से अंकुरित आलू सुरक्षित हो जाएगा, लेकिन यह एक बड़ी गलतफहमी है. सोलनिन जैसे जहरीले तत्व ज्यादा तापमान पर भी पूरी तरह नष्ट नहीं होते. यानी पकाने के बाद भी ऐसे आलू नुकसान पहुंचा सकते हैं. यही वजह है कि डॉक्टर और पोषण विशेषज्ञ ऐसे आलू को बिल्कुल न खाने की सलाह देते हैं.

आलू को सुरक्षित कैसे रखें?

अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में रखे आलू लंबे समय तक सुरक्षित रहें, तो उन्हें हमेशा ठंडी, सूखी और अंधेरी जगह पर रखें. सीधी रोशनी से आलू को बचाना बहुत जरूरी है.

आलू को प्लास्टिक की थैली में बंद करके रखने की बजाय कागज या जूट के बैग में रखें, ताकि हवा का संचार बना रहे. जरूरत से ज्यादा आलू एक साथ खरीदने से बचें और प्याज के साथ आलू रखने की गलती न करें, क्योंकि इससे अंकुरण तेज हो जाता है.

सेहत के लिए जरूरी चेतावनी

अगर आलू में ज्यादा अंकुर निकल आए हों या उसका रंग साफ तौर पर हरा दिखाई दे रहा हो, तो उसे फेंक देना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है. थोड़े पैसे बचाने के चक्कर में ऐसे आलू खाना आपकी सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. याद रखें, सही जानकारी और थोड़ी सावधानी आपको और आपके परिवार को बड़ी परेशानी से बचा सकती है.

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