नासिक का लाल प्याज क्यों कहलाता है देश का सबसे बेहतरीन प्याज? जानिए इसकी खास वजह

नासिक के किसान इस प्याज को प्यार से “लाल सोना” कहते हैं. इसकी वजह सिर्फ इसका रंग नहीं, बल्कि वह आमदनी है जो यह प्याज किसानों को देता है. कई किसान परिवारों की पूरी अर्थव्यवस्था इसी फसल पर टिकी होती है. जब मंडी में नासिक के प्याज की अच्छी कीमत मिलती है, तो गांवों में खुशहाली साफ दिखाई देती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 15 Dec, 2025 | 01:36 PM

भारत की रसोई में अगर किसी सब्जी की मौजूदगी सबसे ज्यादा जरूरी मानी जाती है, तो वह है प्याज. बिना प्याज के दाल फीकी लगती है, सब्जी अधूरी लगती है और सलाद में भी स्वाद नहीं आता. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि देश में सबसे अच्छा प्याज किस इलाके का माना जाता है? किसान से लेकर व्यापारी और रसोइया तक, सबकी जुबान पर एक ही नाम आता है महाराष्ट्र के नासिक का लाल प्याज. यही वह प्याज है, जिसे गुणवत्ता, स्वाद और टिकाऊपन के मामले में सबसे बेहतरीन माना जाता है.

नासिक का लाल प्याज क्यों है सबसे खास

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र का नासिक जिला प्याज की खेती के लिए देशभर में मशहूर है. यहां की मिट्टी और मौसम दोनों ही प्याज के लिए वरदान माने जाते हैं. नासिक की जमीन में मौजूद प्राकृतिक पोषक तत्व प्याज को मजबूत बनाते हैं, जबकि यहां की जलवायु गर्म दिन और हल्की ठंडी रातें प्याज के कंद को सही आकार और रंग देने में मदद करती हैं. यही वजह है कि नासिक का लाल प्याज देखने में गहरे रंग का, आकार में समान और स्वाद में दमदार होता है.

“लाल सोना” क्यों कहते हैं किसान

नासिक के किसान इस प्याज को प्यार से “लाल सोना” कहते हैं. इसकी वजह सिर्फ इसका रंग नहीं, बल्कि वह आमदनी है जो यह प्याज किसानों को देता है. कई किसान परिवारों की पूरी अर्थव्यवस्था इसी फसल पर टिकी होती है. जब मंडी में नासिक के प्याज की अच्छी कीमत मिलती है, तो गांवों में खुशहाली साफ दिखाई देती है. यही प्याज किसानों को आत्मनिर्भर बनने की ताकत देता है.

खेती में तकनीक और मेहनत का मेल

नासिक में प्याज की खेती केवल परंपरागत तरीके से नहीं होती, बल्कि आधुनिक तकनीकों का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है. किसान उन्नत किस्म के बीज, ड्रिप सिंचाई और जैविक खाद का सहारा लेते हैं. इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ता है, बल्कि प्याज की गुणवत्ता भी बेहतर होती है. सही समय पर सिंचाई, संतुलित खाद और सावधानी से खुदाई इन सबका असर सीधे प्याज के स्वाद और उसकी भंडारण क्षमता पर पड़ता है.

साल में तीन बार होती है प्याज की खेती

नासिक में प्याज की खेती साल में तीन मौसमों में की जाती है. खरीफ, रबी और गर्मी तीनों सीजन में यहां प्याज उगाया जाता है. इनमें रबी सीजन की प्याज को सबसे खास माना जाता है, क्योंकि यह लंबे समय तक खराब नहीं होती. यही रबी का प्याज महीनों तक भंडारण में रहता है और सालभर देश की मंडियों में सप्लाई किया जाता है.

स्वाद और रंग में क्यों आगे है नासिक का प्याज

नासिक का लाल प्याज अपने गहरे लाल रंग के लिए जाना जाता है, जो इसे बाजार में अलग पहचान देता है. इसका स्वाद तीखा जरूर होता है, लेकिन उसमें हल्की मिठास भी होती है, जो सब्जी, सलाद और चटनी हर चीज में संतुलन बनाए रखती है. यही वजह है कि होटल, ढाबे और बड़े रेस्टोरेंट नासिक के प्याज को प्राथमिकता देते हैं.

भंडारण और निर्यात में भी नंबर वन

इस प्याज की एक बड़ी खासियत इसकी भंडारण क्षमता है. सही तरीके से रखा जाए, तो यह जल्दी सड़ता नहीं है. इसी कारण व्यापारी भी इसे पसंद करते हैं. देश की बड़ी मंडियों के साथ-साथ नासिक का प्याज विदेशों तक निर्यात किया जाता है. बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और खाड़ी देशों में इसकी अच्छी मांग रहती है.

नासिक का प्याज और देश की रसोई

आज नासिक का लाल प्याज सिर्फ एक फसल नहीं, बल्कि भारत की रसोई का भरोसेमंद साथी बन चुका है. चाहे आम घर हो या बड़ा होटल, हर जगह इसी प्याज की मांग सबसे ज्यादा रहती है. यही कारण है कि जब भी देश में प्याज की चर्चा होती है, तो नासिक का नाम सबसे पहले लिया जाता है.

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