2 हजार रुपये में मिलता है ये आम.. एक फल का वजन 2 किलो तक, बिक्री के लिए लगा मेला

नाबार्ड की चीफ जनरल मैनेजर ने बताया कि इस बार आम महोत्सव की खास बात यह है कि पहली बार दुर्लभ नूरजहां आम बिक्री के लिए यहां उपलब्ध करवाया गया है. इस आम की कीमत करीब 2,000 प्रति किलो तक है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 10 Jun, 2025 | 05:09 PM

आम का सीजन चल रहा है. देशभर के प्रमुख आम किस्मों की खरीद के लिए लोग मेलों और बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज यानी 10 जून से आम महोत्सव की शुरुआत की गई है. यहां पर हापुस, जर्दालू, दशहरी समेत 15 किस्मों के आम की बिक्री की जा रही है. लेकिन, सबसे ज्यादा चर्चा में नूरजहां आम है. यह आम अपने भारी वजन के लिए जहां चर्चा का विषय बना हुआ है तो वहीं इसके दाम ने भी लोगों को चकित कर रखा है. इसके अलावा यहां आदिवासी जिलों में पूरी तरह प्राकृतिक तरीके से होने वाले आमों को भी लाया गया है.

भोपाल आम महोत्सव में 15 से ज्यादा किस्मों के आम

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में क्षेत्रीय कार्यालय परिसर में आज 10 जून से 14 जून तक राज्य स्तरीय आम महोत्सव आयोजित गया है. महोत्सव में प्रदेश के आदिवासी जिलों से लाए गए प्राकृतिक रूप से पके रसायन मुक्त आमों की 15 से अधिक किस्में बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी. इन आमों के स्वाद और सुगंध ने लोगों को दीवाना बना दिया है.

नूरजहां की कीमत 2 हजार रुपये प्रति किलो

नाबार्ड की चीफ जनरल मैनेजर सी. सरस्वी ने बताया कि आम महोत्सव का उद्देश्य आदिवासी परिवारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष महोत्सव की खास बात यह है कि पहली बार दुर्लभ नूरजहां आम बिक्री के लिए यहां उपलब्ध करवाया गया है. इस आम की कीमत करीब 2,000 प्रति किलो है और इसका वजन 1 किलो से 4 किलो तक होता है.

कहां पर होती है नूरजहां आम की खेती

नूरजहां आम मीठी और दुर्लभ आम की किस्म है. नूरजहां आम अपने बहुत बड़े आकार के लिए जाना जाता है. इसके मीठे स्वाद और फाइबर रहित गूदे के लिए यह बेशकीमती बन जाता है. नूरजहां आम की खेती मुख्य रूप से मध्य प्रदेश में अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में की जाती है. नूरजहां आम के पौधों की संख्या बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक इस किस्म पर शोध कर रहे हैं.

नूरजहां आम की तरह नई किस्में विकसित होंगी

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की आम अनुसंधान और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका है. केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान (CISCH) आम की पैदावार और क्वालिटी में सुधार के लिए तकनीक विकसित करने पर काम कर रहा है और इसने दुनिया का सबसे बड़ा आम जर्मप्लाज्म भंडार स्थापित किया है. आईसीएआर के वैज्ञानिक नूरजहां आम जैसी दुर्लभ किस्मों के संरक्षण और संवर्धन पर काम कर रहे हैं. इस आम से बनी हुई नई किस्मों को विकसित किया जा रहा है.

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