पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि समझौते को रद्द कर दिया है. करीब 23 दिन गुजरने के बाद अब पाकिस्तान ने भारत से पानी की मांग की है. रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को चिट्ठी मिली है, जिसमें पानी छोड़ने की अपील की गई है. किसान नेताओं ने पाकिस्तान को किसी भी कीमत पर पानी देने से मना करने की मांग की है. कहा है हरियाणा और राजस्थान समेत दिल्ली में पेयजल संकट देखा जा रहा है, जबकि सिंचाई के लिए पानी पर्याप्त नहीं है. पंजाब और हरियाणा पानी को लेकर लड़ रहे हैं. ऐसे में भारत कैसे पाकिस्तान को पानी दे सकता है.
पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार की अपील की
पाकिस्तान ने भारत से सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा की ओर से भारत के जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी को पत्र लिखा गया है. इसमें संधि को स्थगित रखने के भारत के फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की गई है. चिट्ठी में कहा है कि पाकिस्तान में लाखों लोग 1960 की संधि के तहत मिलने वाले पानी पर निर्भर हैं.
सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी – विदेश मंत्री
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एएनआई से कहा कि “सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से नहीं रोका जाता. कश्मीर पर चर्चा के लिए एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है, हम उस चर्चा के लिए तैयार हैं.”
आतंकियों के बुनियादी ढांचे को बंद करने की शर्त
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि “पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध और व्यवहार पूरी तरह से द्विपक्षीय होंगे. यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है और इसमें बिल्कुल भी बदलाव नहीं हुआ है. प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी. पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की एक सूची है जिसे सौंपे जाने की आवश्यकता है और उन्हें आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा. वे जानते हैं कि क्या करना है. हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं. ये वे वार्ताएं हैं जो संभव हैं.
पाकिस्तान को पानी देना हमें बर्दाश्त नहीं – गुणी प्रकाश
हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन मान के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्र सरकार की एमएसपी कमेटी के सदस्य गुणी प्रकाश ने ‘किसान इंडिया’ से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान की चिट्ठी पर भारत को प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए. पाकिस्तान दुश्मन है, उसने हमारे 26 निर्दोष मासूमों की हत्या की है. उसे किसी भी कीमत हम पानी नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि हरियाणा, राजस्थान समेत कई राज्यों में पानी की किल्लत बनी हुई है. सिंचाई के लिए पानी नहीं है, पेयजल संकट गहरा रहा है. ऐसे में अपने लोगों को पानी देने के बजाय पाकिस्तान को पानी देना हमें बर्दाश्त नहीं है. किसान नेता ने कहा कि पाकिस्तान को समर्थन देने वाले तुर्की के विरोध में देशभर के लोग खड़े हो गए हैं. हम तुर्की से आने वाले उत्पाद जैसे सेब, मार्बल के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं.
फसलों की बुवाई के लिए पानी मांग रहा पाकिस्तान
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में चेनाब नदी पर दो परियोजनाओं बगलिहार और सलाल के जलाशयों की फ्लशिंग और डिसिल्टिंग का काम किया था. इसके चलते नीचे की ओर पानी का प्रवाह बाधित और अनियमित हो गया. संधि को निलंबित करने के बाद भारत फ्लशिंग या गेट खोलने के बाद पानी के प्रवाह पर पाकिस्तान के साथ कोई भी डेटा साझा करने के लिए बाध्य नहीं है, इसलिए पड़ोसी देश आगामी बुवाई के मौसम से पहले अनियमित पानी के बहाव का सामना कर रहा है.
पानी न मिला तो चरमरा जाएगा पाकिस्तान
1960 में हुए सिंधु जल समझौते के तहत 6 नदियों सिंधु, सतलुज, ब्यास, रावी, चिनाब और झेलम का पानी का 80 फीसदी से अधिक पाकिस्तान में जा रहा था, जिसे समझौता रद्द होते ही रोक दिया गया है. पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांत की करीब 60 फीसदी आबादी को इन नदियों से पेयजल उपलब्ध कराया जाता है. जबकि, 160 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में फसलों की सिंचाई की जाती है. इसके अलावा इन नदियों के पानी से पाकिस्तान बिजली भी बनाकर इंडस्ट्री और जनता को सप्लाई करता है. पानी रोके जाने से पाकिस्तान की हालत खराब हो रही है.