पंजाब में रिकॉर्ड तोड़ धान की बुवाई, 32 लाख हेक्टेयर के पार पहुंचा रकबा.. जानें बासमती के आंकड़े

इस साल पंजाब में रिकॉर्ड 32.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई हुई, जो पिछले साल के 32.43 लाख हेक्टेयर से थोड़ी ज्यादा है. इसमें से 6.80 लाख हेक्टेयर में बासमती धान की रोपाई हुई.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 19 Aug, 2025 | 12:41 PM

इस बार मॉनसून सीजन में पंजाब और हरियाणा में कुल मिलाकर बारिश सामान्य रही है, लेकिन यह बारिश धान उगाने वाले प्रमुख जिलों में बराबर नहीं हुई. पंजाब में जब धान की रोपाई पूरी हो चुकी थी, तब संगरूर, मुक्तसर और बठिंडा जैसे मुख्य धान उत्पादक जिलों में कम बारिश हुई. वहीं अमृतसर, जालंधर, मानसा और पटियाला में सामान्य बारिश दर्ज की गई. फिरोजपुर, गुरदासपुर, लुधियाना, मोगा और तरनतारण में जरूरत से ज्यादा बारिश हुई, जिसमें तरनतारण में सबसे ज्यादा अतिरिक्त बारिश हुई. हालांकि, इसके बावजूद पंजाब में इस साल रिकॉर्ड 32.46 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई.

इस साल पंजाब में रिकॉर्ड 32.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई हुई, जो पिछले साल के 32.43 लाख हेक्टेयर से थोड़ी ज्यादा है. इसमें से 6.80 लाख हेक्टेयर में बासमती धान की रोपाई हुई. वहीं डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस (DSR) तकनीक के तहत 2.94 लाख हेक्टेयर में धान बोया गया, जो 2024 में 2.53 लाख हेक्टेयर था. यानी इस साल पंजाब में अब तक का सबसे ज्यादा धान की रोपाई हुई है.

पंजाब में कुल 297 मिमी बारिश हुई

हरियाणा की बात करें तो अंबाला, करनाल, कैथल और जींद में कम बारिश हुई, जबकि फतेहाबाद, पानीपत, सोनीपत और सिरसा में सामान्य बारिश रिकॉर्ड की गई. कुरुक्षेत्र और हिसार में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है. 1 जून से 17 अगस्त के बीच पंजाब में कुल 297 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य तौर पर 310.5 मिमी होनी चाहिए थी.  यानी 4 फीसदी की कमी रही. वहीं हरियाणा में इस दौरान 329.5 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य 290.9 मिमी से 13 फीसदी ज्यादा है. पंजाब और हरियाणा के कई जिले धान की खेती के लिए जाने जाते हैं. बारिश के हिसाब से 19 फीसदी कम से 19 फीसदी ज्यादा तक की बारिश को सामान्य माना जाता है.

पंजाब के मुख्य धान उगाने वाले जिले: संगरूर, बठिंडा, मुक्तसर, मोगा, पटियाला, लुधियाना, फिरोजपुर, अमृतसर, तरनतारण, जालंधर और गुरदासपुर

हरियाणा के प्रमुख धान उत्पादक जिले: अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, फतेहाबाद, हिसार, जींद, पानीपत, सोनीपत और सिरसा

बारिश का हाल पंजाब में ऐसा रहा

  • संगरूर में 36 फीसदी कम बारिश हुई. यह पंजाब के सबसे बड़े धान उत्पादक जिलों में से एक है.
  • मुक्तसर में 32 फीसदी और बठिंडा में 20 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई.
  • मानसा और पटियाला दोनों में 18 फीसदी कम बारिश हुई.
  • तरनतारण में 82 फीसदी  ज्यादा बारिश हुई. यानी बड़ी मात्रा में अतिरिक्त बारिश.
  • कपूरथला में 70 फीसदी कम बारिश हुई, जिसे अत्यधिक कमी माना जाता है.

हरियाणा में मॉनसून के दौरान बारिश की स्थिति

  • अंबाला में सबसे अधिक 37 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गई.
  • इसके बाद जींद में 34 फीसदी, कैथल में 33 फीसदी और करनाल में 20 फीसदी कम बारिश हुई.
  • कुरुक्षेत्र में 54 फीसदी अधिक बारिश हुई, जबकि हिसार में 29 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई.

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Published: 19 Aug, 2025 | 12:32 PM

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