झारखंड सरकार पालने के लिए दे रही है पशु, किसानों की कमाई बढ़ेगी

झारखण्ड सरकार की मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत गरीब और सीमांत परिवारों को पशुपालन के लिए वित्तीय सहायता और पशु वितरण किया जा रहा है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने और ग्रामीण विकास में मदद मिलेगी.

Saurabh Sharma
नोएडा | Updated On: 3 Aug, 2025 | 12:58 PM

झारखण्ड सरकार ने ग्रामीण विकास को सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना लागू की है. इस योजना के तहत किसानों और गरीब परिवारों को पशुपालन के लिए वित्तीय सहायता और पशु वितरण किया जा रहा है. हाल ही में गिरिडीह जिले के खोरीमहुआ अनुमंडल के जमुआ प्रखंड में सूअर वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य सीमांत और गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना है.

कमाई का नया जरिए बनेगा पशुपालन

यह पहल खासतौर पर उन परिवारों के लिए है जो पशुपालन को आय का स्थिर स्रोत बनाना चाहते हैं. योजना के अंतर्गत गाय, बकरी, सूअर, बत्तख और चूजा पालन के लिए सब्सिडी और अनुदान भी प्रदान किए जाते हैं. इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर दूध, मांस और अंडे का उत्पादन भी बढ़ेगा, जिससे खाद्य सुरक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

योजना की मुख्य सुविधाएं और अनुदान

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत झारखण्ड सरकार पशुपालकों को दुधारू गाय, बकरी, सूकर, बत्तख और चूजा पालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. दुधारू गाय खरीद, पशुशाला निर्माण और बीमा पर सब्सिडी दी जाती है.

  • दुधारू गाय खरीदने पर 50% सब्सिडी
  • पशुशाला निर्माण, गाय बीमा और उपकरणों पर 50% अनुदान
  • बकरी, सूकर, बत्तख और चूजा पालन पर 100% तक सब्सिडी

इस योजना का उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाना.

दूध उत्पादन बढ़ेगा 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, झारखण्ड सरकार की मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से राज्य में दूध, अंडा और मांस का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है. इससे न केवल खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि ग्रामीण लोगों की आय में भी वृद्धि होगी. पशुपालन को बढ़ावा मिलने से राज्य आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेगा. यह योजना किसानों और पशुपालकों को सशक्त बनाकर उन्हें रोजगार और बेहतर जीवनशैली देने में मददगार साबित होगी, जिससे राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित होगा.

  • ग्रामीण परिवारों को स्थायी आय का जरिया मिलेगा
  • उत्पादों की बाजार में लगातार उपलब्धता बनी रहेगी
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और पलायन रुकेगा

पशुपालन से जुड़े लाभार्थी दूसरों को भी प्रेरित करेंगे, जिससे सामूहिक रूप से रोजगार का माहौल तैयार होगा.

आवेदन कैसे करें

जो लोग इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वे अपने पंचायत कार्यालय या संबंधित विभाग में आवेदन कर सकते हैं. आवेदन प्रक्रिया सरल है. पात्रता की जांच के बाद पशु, उपकरण और प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है. इस योजना से जुड़ने के बाद लाभुकों को सरकार द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे वे बेहतर उत्पादन तकनीकों, पोषण, टीकाकरण और बाजार से जुड़ाव की जानकारी हासिल कर सकें.

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Published: 3 Aug, 2025 | 12:58 PM

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