महाराष्ट्र के नासिक जिला स्थित एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव बाजार समिति में पिछले दो हफ्तों के अंदर थोक प्याज के दाम तेजी से गिरे हैं. इस गिरावट को देखते हुए किसानों के संगठनों ने राज्य और केंद्र सरकार से तुरंत दखल देने की मांग की है. लासलगांव की कृषि उत्पन्न बाजार समिति (APMC) और महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ ने दाम में स्थिरता लाने के लिए तुरंत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और दीर्घकालिक नीतियों की मांग करते हुए कई प्रस्ताव पारित किए हैं.
आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक, संघ के संस्थापक और अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा है कि स्थानीय बाजार में प्याज के दाम 10 रुपये प्रति किलो तक गिरे हैं, जिससे किसान काफी परेशान हैं. हम जल्द ही राज्य के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी किसानों का समर्थन करते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो जोरदार प्रदर्शन करेंगे. जबकि, नासिक में NAFED के डिविजनल ऑफिस तक एक मोर्चा भी निकाला गया, जिसकी अगुवाई पूर्व मंत्री बालासाहेब थोरात, सांसद डॉ. शोभा बच्छाव और वरिष्ठ नेता राजाराम पांगवणे, शरद आहेर और आकाश छाजेड़ ने की.
24 रुपये किलो MSP तय करने की मांग
वहीं, जुलाई में महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने प्याज किसानों की समस्या को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल से मुलाकात की थी. ये बातचीत बीजेपी नेता बच्चू कडू के भूख हड़ताल के बाद हुई थी. समस्या के समाधान के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई, जिसमें किसानों की सुरक्षा और बाजार तक सीधी पहुंच पर चर्चा हुई. विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने सरकार द्वारा सीधे प्याज खरीदने का सुझाव दिया, जबकि कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने APMC (कृषि उत्पन्न बाजार समिति) के जरिए पारदर्शिता की जरूरत पर जोर दिया था. तब बच्चू कडू, जो इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे है, उन्होंने प्याज के लिए 24 रुपये प्रति किलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने की मांग की.
भारत में महाराष्ट्र अब भी सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है, जो देश के कुल उत्पादन का लगभग 35 फीसदी योगदान देता है. इसके बाद मध्य प्रदेश 17 फीसदी और फिर गुजरात, कर्नाटक, बिहार, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और तेलंगाना जैसे राज्य आते हैं.ॉ
28 करोड़ 32 लाख रुपये का बजट मंजूर
वहीं, बीते दिनों खबर सामने आई थी कि 14,661 किसानों को प्याज सहायता के लिए 28 करोड़ 32 लाख 30 हजार 507 रुपये का बजट मंजूर किया गया है. राज्य सरकार ने 1 फरवरी से 31 मार्च 2023 तक प्याज बेचने वाले किसानों को 350 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी देने का ऐलान किया था. ये सब्सिडी APMC, प्राइवेट मार्केट और NAFED को बेचे गए प्याज पर, अधिकतम 200 क्विंटल तक दी गई थी. हालांकि, उस समय कुछ किसानों को सब्सिडी नहीं मिली, क्योंकि उनके पास 7 से 12 पास की प्याज फसल से जुड़े रिकॉर्ड नहीं थे. अब उनके सुझावों की दोबारा जांच की गई और नतीजतन, 14,661 किसानों को प्याज सहायता के लिए 28 करोड़ 32 लाख 30 हजार 507 रुपये का बजट मंजूर किया गया है.