खरीफ के रकबे में 38 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी, जानें किस फसल को कितना बढ़ा क्षेत्रफल

खास बात यह है कि तिलहन की कुल बुवाई में 6.82 लाख हेक्टेयर की कमी आई है. खासकर मूंगफली की बुवाई घटकर 43.23 लाख हेक्टेयर रह गई है, जो पिछले साल 45.06 लाख हेक्टेयर थी.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 11 Aug, 2025 | 07:49 PM

इस साल समय से पहले मॉनसून की दस्तक और उसके बाद अच्छी बारिश से खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आई है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, खरीफ सीजन 2025-26 में अब तक कुल 995.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बोई जा चुकी हैं. यह पिछले साल इसी समय के 957.15 लाख हेक्टेयर की तुलना में 38.48 लाख हेक्टेयर अधिक है, जो कृषि क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है. खास कर धान, मोटे अनाज और कुछ दालों के रकबे में अच्छी प्रगति देखने को मिली है. धान की बुवाई इस साल 364.80 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल के 325.36 लाख हेक्टेयर मुकाबले 39.45 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. यह खरीफ सीजन में किसानों की मजबूत भागीदारी को दर्शाता है.

हालांकि, कुल दालों की बुवाई में मामूली बढ़ोतरी हुई है. इस साल देश में अभी तक दलहन की कुल बुवाई 106.68 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 106.52 लाख हेक्टेयर था. खास कर उड़द, मूंग और मोठ में बुवाई बढ़ी है. वहीं, मोटे अनाज की स्थिति बेहतर है. मक्का और रागी में अच्छी बढ़त हुई है. मक्का की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 8.74 लाख हेक्टेयर ज्यादा हुई है, यानी इस साल 91.89 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है. हालांकि, ज्वार और बाजरे में थोड़ी कमी देखी गई है.

तिलहन बुवाई के रकेब में गिरावट

खास बात यह है कि तिलहन की कुल बुवाई में 6.82 लाख हेक्टेयर की कमी आई है. खासकर मूंगफली की बुवाई घटकर 43.23 लाख हेक्टेयर रह गई है, जो पिछले साल 45.06 लाख हेक्टेयर थी. वहीं, सबसे ज्यादा रकबा रखने वाली फसल सोयाबीन की बुवाई इस साल 119.51 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल की तुलना में 4.73 लाख हेक्टेयर कम है. यह गिरावट चिंताजनक मानी जा रही है, क्योंकि सोयाबीन भारत में प्रमुख तिलहनों में शामिल है. हालांकि कुल मिलाकर, खरीफ 2025-26 की बुवाई में कई प्रमुख फसलों ने सकारात्मक रुझान दिखाया है, जो आने वाली फसल की अच्छी पैदावार की उम्मीद दिलाता है.

गन्ने के रकबे में बढ़ोतरी

गन्ने की बुवाई इस साल 57.31 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल के मुकाबले 1.64 लाख हेक्टेयर अधिक है. चीनी मिलों और किसानों के लिए यह एक राहत भरी खबर है. हालांकि, कपास की बुवाई में 3.53 लाख हेक्टेयर की कमी आई है. इस साल अब तक 106.96 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 110.49 लाख हेक्टेयर था. कपास की खेती में यह गिरावट चिंता का विषय बन सकती है. इसी तरह जूट और मेस्ता की खेती में मामूली कमी आई है. जूट और मेस्ता की बुवाई 5.54 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल से 0.18 लाख हेक्टेयर कम है.

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Published: 11 Aug, 2025 | 07:47 PM

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