किसानों को नहीं मिल रहा धान का रेट, MSP से 500 रुपये कम पर उपज बेचने को हुए मजबूर

पंजाब में बाढ़ और अनियमित बारिश के कारण धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है. खराब और काले दानों के चलते किसानों को एमएसपी से कम दाम पर फसल बेचनी पड़ रही है. केंद्र से राहत की उम्मीद है, लेकिन रिपोर्ट की देरी से किसान परेशान हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 22 Oct, 2025 | 08:04 PM

Punjab News: पंजाब में किसानों को धान की फसल के दाने काले या खराब होने के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,389 रुपये प्रति क्विंटल से 50 रुपये से 500 रुपये तक कम दाम पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है. राज्य का फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग केंद्र सरकार से 5 फीसदी से ज्यादा खराब दाने की सीमा में छूट देने की मांग कर रहा है, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. वहीं, केंद्र की 14 सदस्यीय टीम ने पंजाब में बाढ़ और अगस्त-सितंबर की अनियमित बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया था, जिसमें खराब और काले दाने भी शामिल हैं. हालांकि टीम ने अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है. इस देरी की वजह से किसानों को फसल बेचते समय भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

राज्य खाद्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हम अभी केंद्र से अंतिम रिपोर्ट और राहत का इंतजार कर रहे हैं. फिलहाल 5 फीसदी से ज्यादा खराब या काले दाने वाले धान की खरीद नहीं की जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक, धान की खरीद  नवंबर तक चल सकती है और अब तक करीब 35 फीसदी फसल की कटाई हो चुकी है.  उन्होंने कहा कि तकनीकी तौर पर 5 फीसदी से ज्यादा खराब दानों वाला धान खरीदा नहीं जा सकता, लेकिन किसान पैसों की जरूरत में अपनी फसल कम कीमत पर बेच रहे हैं. यह नुकसान आढ़ती और राइस मिलर उठाते हैं, जब वो चावल को फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) को सौंपते हैं.

धान की फसल को भारी नुकसान

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार अगस्त और सितंबर में हुई लगातार बारिश और बाढ़ के चलते धान की फसल  को भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा लूज स्मट और ड्वार्फ वायरस जैसी बीमारियों ने भी अनाज की गुणवत्ता और उपज पर असर डाला है. हालांकि, बाढ़ से पहले अनुमान था कि इस बार कुल उत्पादन 185 लाख टन तक पहुंचेगा. जल्दी बोई गई किस्मों की खरीद को देखते हुए खरीद प्रक्रिया 16 सितंबर से ही शुरू हो गई थी, लेकिन बारिश और बाढ़ की वजह से फसल पकने में देर हो गई.

एमएसपी से कम रेट पर बेचने को मजबूर किसान

पटियाला के नजदीक भवानीगढ़ के किसान गुरबक्शिश सिंह ने कहा कि जिन किसानों की फसल में तय सीमा से ज्यादा काले या खराब दाने हैं, उन्हें सिर्फ 1,800 रुपये से 2,100 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिल रहा है. पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना के वाइस-चांसलर डॉ. एसएस गोसल ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बार धान की खरीद काफी धीमी और कम मात्रा में हो रही है.

धान के दाने हुए काले

डॉ. गोसल ने कहा कि अलग-अलग इलाकों और बारिश की तीव्रता  के आधार पर धान में 12 फीसदी तक दानों का काला पड़ना और नुकसान पाया गया है. उन्होंने कहा कि इस बार किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. राज्य खाद्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम केंद्र सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे किसानों को उचित मुआवजा मिल सके. राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार की तरफ से राहत जल्द ही घोषित की जाएगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी खरीद में किसी तरह की ‘वैल्यू कट’ (कम रेट पर खरीद) नहीं लगाई गई है.

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Published: 22 Oct, 2025 | 04:30 PM

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