Tomato Farming Tips: टमाटर की खेती किसानों के लिए मुनाफेदार जरूर है, लेकिन इसमें जरा सी लापरवाही भारी नुकसान पहुंचा सकती है. अगर खेती के दौरान कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए, तो पूरी फसल खराब हो सकती है. इसलिए, अच्छी पैदावार पाने और फसल को सुरक्षित रखने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए.
पौधों के बीच की दूरी का रखें ध्यान
कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि टमाटर के दो पौधों के बीच पर्याप्त दूरी का ध्यान रखना चाहिए ध्यान न रखने से उनमें हवा का संचार रुक जाता है. इससे फफूंद और अन्य रोग तेजी से फैलते हैं. उन्होंने बताया कि पौधे से पौधे के बीच 45 से 60 सेंटीमीटर और कतारों के बीच 75 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए.
ड्रिप इरीगेशन है बढ़िया विकल्प
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि ज्यादातर किसान यह सोचकर बार-बार सिंचाई करते है कि इससे फसल तेजी से बढ़ेगी, लेकिन ऐसा करने से पौधों की जड़े सड़ जाती है और फसल कमजोर हो जाती है. उन्होंने कहा कि मिट्टी में नमी का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है. जब मिट्टी की ऊपरी परत सूख जाए तभी सिंचाई करनी चाहिए. ड्रिप इरीगेशन टमाटर के लिए सबसे बेहतर मानी जाती है.
गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट का करें इस्तेमाल
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि कई किसान उपज बढ़ाने के लिए जरूरत से ज्यादा रासायनिक उर्वरक डाल देते है. इससे पौधे की वृद्धि तो तेजी से होती है लेकिन फलन कम हो जाती है. गोबर की सड़ी खाद या वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग करें. जरूरत के अनुसार ही यूरिया या डीएपी डालें. खाद डालने से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करवाएं.
लक्षण दिखते ही करें रोगों का उपचार
कृषि वैज्ञानिक बताते है कि टमाटर के पौधों में लीफ कर्ल ब्लाइट और फफूंद जैसे रोग लग जाते है. अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो पूरी फसल खराब हो जाती है. पौधों की नियमित रूप से जांच करना आवश्यक है. लक्षण दिखने पर नीम का तेल या छाछ का घोल बना कर छिड़काव करने से रोगों को फैलने से रोका जा सकता है.