दो दर्जन किसान सहित हिरासत में लिए गए गुरनाम सिंह चढूनी, DFC अधिकारी को मारा था थप्पड़

कुरुक्षेत्र में धान की उठान में देरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच तनाव बढ़ गया. BKU अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने एक सरकारी अधिकारी को थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 15 Oct, 2025 | 02:12 PM

Haryana News: हरियाणा के कुरुक्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. धान की उठान में देरी को लेकर प्रदर्शन कर रहे दो दर्जन भर किसानों सहित भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी को हिरासत में ले लिया गया है. इस दौरान गुरनाम सिंह चढूनी ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के डीएफसी राजेश आर्य को थप्पड़ मार दिया.यह घटना उस वक्त हुई जब बड़ी संख्या में किसान लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान बहस तेज हो गई और गुस्से में आकर चढूनी ने अधिकारी को थप्पड़ जड़ दिया. इसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई. इसके बाद पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी को हिरासत में ले लिया. फिलहाल घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात है और हालात पर नजर रखी जा रही है.

कहा जा रहा है कि गुरनाम सिंह चढूनी प्रदर्शन के दौरान किसानों के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली  पर सवार थे. इसी बीच वह ट्रॉली से उतरकर सीधे डीएफसी राजेश आर्य के पास पहुंचे, जो उस वक्त पुलिस अफसरों से घिरे हुए थे, और अचानक उन्हें थप्पड़ मार दिया. पुलिस और अफसर चढूनी के इरादों को समझ नहीं पाए. फिलहाल, चढूनी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. उधर किसानों और गुरनाम सिंह चढूनी  को हिरासत में लिए जाने के बाद अब भाकियू और प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं. किसान लगातार हिरासत में लिए गए गुरनाम सिंह चढूनी और किसानों को रिहा करने की मांग कर रहे हैं.

थाने के बाहर धरने पर बैठ गए किसान

दरअसल, बुधवार को चढूनी अपने समर्थकों के साथ धान की उठान में देरी को लेकर लघु सचिवालय  के बाहर डीसी ऑफिस पहुंचे और प्रदर्शन किया. थप्पड़ कांड के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो दर्जन से ज्यादा किसानों हिरासत में लेकर झांसा थाने भेज दिया, इसके बाद किसान थाने के बाहर धरने पर बैठ गए.

भेदभाव का लगाया आरोप

इससे पहले चढूनी ने प्रशासन पर भ्रष्टाचार और भेदभाव के आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि डीएफएससी ने उनकी आढ़त की दुकान और धान की उठान  के लिए आरओ (रिलीज ऑर्डर) जारी नहीं किया, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है. वहीं, घटना के बाद भाकियू पिहोवा भी चढूनी के समर्थन में आ गई और प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह धान में नमी के बहाने किसानों को लूट रहा है और सेटिंग के जरिए फायदा पहुंचाया जा रहा है. फिलहाल पुलिस और प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए हैं.

 

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Published: 15 Oct, 2025 | 01:56 PM

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