Haryana News: हरियाणा में धान की कटाई शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक सरकार ने खरीफ सीजन की सरकारी खरीद की तारीख घोषित नहीं की है. इसी को लेकर किसान संगठनों ने सरकार से जल्द खरीद शुरू करने की मांग की है. किसानों का कहना है कि धान और बाजरा की फसल मंडियों में पहुंचने लगी है और इस महीने के अंत तक कटाई पूरे जोरों पर होगी. ऐसे में अगर सरकारी खरीद देरी से शुरू होती है, तो किसानों को मजबूरी में अपनी फसल सस्ते दामों पर प्राइवेट व्यापारियों को बेचनी पड़ेगी. इसी मुद्दे को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) ने हरियाणा के कई जिलों में DC दफ्तरों के बाहर एक दिन का उपवास रखा. संगठन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी खुद कुरुक्षेत्र DC कार्यालय के बाहर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक उपवास पर बैठे.
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि धान की फसल 10 सितंबर से मंडियों में आनी शुरू हो गई है. लेकिन सरकार की खरीद अभी शुरू नहीं हुई, जिससे किसान प्राइवेट व्यापारियों को फसल बेचने को मजबूर हैं और वो भी कम दामों पर. चढूनी ने कहा कि पंजाब में 16 सितंबर से खरीद शुरू हो गई है, लेकिन हरियाणा में सरकार अभी भी 1 अक्टूबर का इंतजार कर रही है, जो सालों पुरानी परंपरा है. उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि वो देश में सबसे ज्यादा 24 फसलों की MSP पर खरीद करती है, लेकिन हर बार हमें अलग-अलग फसलों की खरीद के लिए दबाव बनाना पड़ता है. बाजरा तो तीन हफ्तों से मंडियों में पड़ा है और किसान इसे MSP से 800 रुपये कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं. यानी किसानों की मांग साफ है खरीद की तारीख जल्द घोषित हो और मंडियों में तुरंत खरीद शुरू की जाए, ताकि उन्हें घाटा न उठाना पड़े.
NH-44 हाईवे जाम करने की धमकी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा है. गुरनाम सिंह चढूनी ने चेतावनी दी है कि अगर 22 सितंबर तक कोई फैसला नहीं लिया गया, तो यूनियन NH-44 हाईवे को जाम करने के लिए मजबूर होगी. चढूनी ने यह भी मांग की कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल, जिसे 15 सितंबर को बंद कर दिया गया था, उसे 30 सितंबर तक दोबारा खोला जाए, ताकि ज्यादा किसान बारिश या जलभराव से हुई फसल की क्षति का पंजीकरण कर सकें.
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बारिश से फसल को पहुंचा नुकसान
किसान पहले ही बारिश से नुकसान, फसल की पैदावार में गिरावट और Southern Rice Black Streaked Dwarf Virus (SRBSDV) के कारण फसलों की धीमी वृद्धि को लेकर चिंता जता चुके हैं. भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के प्रदेश अध्यक्ष रत्न मान ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार को किसानों को राहत देनी चाहिए और धान की फसल को 19 फीसदी तक नमी के साथ भी खरीदना चाहिए, जबकि मौजूदा नियम 17 फीसदी या उससे कम नमी की अनुमति देते हैं. इधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की और उनसे 1 अक्टूबर से पहले फसल खरीद शुरू करने की मांग की, ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने उनकी मांग मान ली है, लेकिन अभी तक खरीद का आधिकारिक शेड्यूल जारी नहीं हुआ है.